जनप्रतिनिधि -अधिकारी मस्त, ग्रमीण जनता त्रस्त
घोरावल-सोनभद्र(रमेश कुशवाहा)। यूँ तो विकासखंड घोरावल मनरेगा घोटाले के मामले में पूर्व वर्षों में भी प्रदेश का चर्चित विकास खण्ड रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार घोरावल विकासखंड के कई ग्राम पंचायतों के ग्रामीणों ने बताया कि
मनरेगा में सिर्फ कागजों पर काम कराने का आरोप लगाया है। ग्रामीणों का कहना है कि इसकी शिकायत अधिकारियों से करने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होती। इस संबंध में ग्राम पंचायत अहरौरा, खजुरौल, मसी आदिनाथ के ग्रामीणों ने बताया कि हम लोग पिछले कई महीनों से मनरेगा में हुए
घोटाले की शिकायत अधिकारियों से कर रहे हैं, परंतु कोई भी कार्यवाही नहीं हो रही है। ग्राम पंचायत खजुरौल के ग्रामीणों ने बताया कि जब हम लोग शिकायत करने डीसी मनरेगा रमेश यादव के पास जाते हैं तो वह हम लोगों को यह कहकर भगा देते हैं कि तुम लोग राजनीति के कारण चुनावी रंजिश से प्रार्थना पत्र देते हो जिसमें कोई भी सच्चाई नहीं है। यही बात मसीआदिनाथ के ग्रामीण सुभाष चंद्र सिंह, अनिल कुमार,
गोविंद सिंह, प्रीतम, धर्मेंद्र, मुकेश, संजय, रमाशंकर सिंह, के साथ तमाम ग्रामीणों ने बताया कि हमारे ग्राम पंचायत में फर्जी तरीके से कई कामों को कागजों में दिखाकर अधिकारियों के साथ मिली भगत कर ग्राम प्रधान द्वारा भुगतान करा लिया गया है जिसकी हम लोगों ने शिकायत खंड विकास अधिकारी व तहसील दिवस में किए थे, परंतु आज तक कोई भी कार्यवाही
नहीं हुई । यही हाल ग्राम पंचायत खजुरौल के ग्रामीणों का भी है। उनका भी कहना है कि सारे काम सिर्फ कागजों में कराए गए हैं ,जमीनी स्तर पर कोई भी कार्य नहीं दिखता है ।परंतु अधिकारियों के कान में जूं तक नहीं रेंगती। मसी आदिनाथ के ग्रामीणों ने बताया कि हम लोग विकासखंड घोरावल पर जाते हैं तो जांच का आश्वासन दिया जाता है ,परंतु कोई भी जांच करने नहीं आता है। बहरहाल अब यह देखना है कि इस समय की शिकायतों में कुछ कार्यवाही होती है या ग्रामीणों को पुनः न्यायालय की शरण में जाना पड़ेगा।