राजेंद्र व परवेज पर 4- 4 हजार रूपये अर्थदंड, शेष पर दो – दो हजार रूपये अर्थदंड, न देने पर एक -एक माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी
- साढ़े 17 वर्ष पूर्व हुई चोरी का मामला
सोनभद्र। साढ़े 17 वर्ष पूर्व हुई चोरी के मामले में बृहस्पतिवार को सुनवाई करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम खलीकुज्जमा की अदालत ने दोषसिद्ध पाकर सात दोषियों को 3-3 वर्ष की कैद व संजय व परवेज को 4- 4 हजार रूपये अर्थदंड तथा शेष को दो – दो हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड ना देने पर एक -एक माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित होगी।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक 18 जनवरी 2006 को दुद्धी कोतवाली के निरीक्षक यशपाल सिंह पुलिस बल के साथ देखभाल क्षेत्र में निकले थे। जब सुबह करीब 6 बजे लिलासी तिराहे पर मौजूद थे तभी मुखबिर के जरिए सूचना मिली कि संजय कबाड़ी अपने गिरोह के साथ बिजली का तार पोल से काटता है और गिरोह के लोगों से कटवाने का काम करता है। जो पोल से तार काटने गया है अगर मौके पर पहुंचे तो पकड़े जा सकते हैं। इस सूचना पर विश्वास करके मौके पर पुलिस टीम के साथ गया तो देवहार जंगल में तार काटते समय मौके से तीन लोग पकड़े गए और शेष लोग भागने में सफल हो गए। पूछताछ के दौरान पकड़े गए लोगों ने भागने वालों का नाम पता बताया। इस तहरीर पर एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना की गई। मामले की विवेचना के दौरान पर्याप्त सबूत मिलने पर विवेचक ने परवेज अख्तर पुत्र शमशुल हक निवासी चपकी थाना बभनी, संजय प्रसाद सोनी पुत्र नारायण सोनी निवासी पुनर्वास प्रथम बीजपुर, राजेंद्र सोनार पुत्र रामप्रसाद, कमलेश पुत्र राम कुमार, प्रकाश पुत्र अमरनाथ, विजय पुत्र यमुना तथा संजय पुत्र तपेश्वर निवासीगण बरावा टोला दुद्धी सोनभद्र के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल किया था। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान व पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर सातों चोरों को उपरोक्त सजा सुनाई।अभियोजन पक्ष की ओर से अपर जिला शासकीय अधिवक्ता विनोद पाठक ने बहस की।