- 26- 26 हजार रूपये अर्थदंड, न देने पर 6-6 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी
- साढ़े 13 वर्ष पूर्व दहेज में मोटरसाइकिल नहीं मिलने पर पन्ना देवी को जलाकर मारने का था आरोप
सोनभद्र। साढ़े 13 वर्ष पूर्व दहेज में मोटरसाइकिल नहीं मिलने पर पन्ना देवी को जलाकर मारने के मामले में शुक्रवार को सुनवाई करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम खलीकुज्जमा की अदालत ने दोषसिद्ध पाकर दोषी पति -ससुर को उम्रकैद व 26- 26 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 6-6 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक मांची थाना क्षेत्र के ढोसरा गांव निवासी शंकर यादव पुत्र राजा यादव ने रायपुर थाने में दी तहरीर में अवगत कराया था कि उसने अपनी बेटी पन्ना देवी की शादी जून 2007 में रामानंद यादव पुत्र बचाऊ यादव निवासी ग्राम डीबा (देवरी मय देवरा), थाना रायपुर, जिला सोनभद्र के साथ किया था। शादी में अपनी सामर्थ्य अनुसार उपहार दहेज दिया था। नवंबर 2008 में गौना होने पर बेटी विदा होकर अपनी ससुराल चली गई। जहां पर दहेज में मोटरसाइकिल की मांग को लेकर पति रामानंद यादव,ससुर बचाऊ यादव व देवर शिवानंद यादव द्वारा बेटी पन्ना देवी को प्रताड़ित किया जाने लगा। यहां तक धमकी दी जा रही थी कि अगर दहेज की मांग पूरी नहीं हुई तो बेटी पन्ना देवी को मारकर रास्ते से हटा दिया जाएगा और रामानंद यादव की दूसरी शादी कर दी जाएगी। जब बेटी से मिलने अपने साले श्याम बिहारी यादव के साथ उसकी ससुराल गया था तो दहेज की मांग और प्रताड़ना की बात बताई थी तो उसके पति, ससुर और देवर से प्रताड़ित न करने की विनती करके बेटी पन्ना देवी को ढाढस बंधाया और अपने घर आ गया। पुनः सभी लोग मोटरसाइकिल की मांग को लेकर बेटी को प्रताड़ित करने लगे। करीब चार माह बाद बेटी को विदा कराकर अपने घर ले आया। बेटी ने प्रताड़ना व दहेज में मोटरसाइकिल की मांग के बारे में बताया और दुबारा ससुराल जाने से इनकार कर दिया, लेकिन काफी समझाने के बाद कि आगे चलकर सब ठीक हो जाएगा बेटी अपनी ससुराल गई। जब मांग पूरी नहीं हुई तो 27 सितंबर 2009 को बेटी पन्ना देवी को जलाकर मार दिया गया। सूचना मिलने पर जब बेटी के घर गांव के लोगों के साथ पहुंचा तो देखा बेटी की लाश जली हुई पड़ी थी। उसे पूर्ण विश्वास है कि दहेज में मोटरसाइकिल की मांग पूरी न होने पर बेटी पन्ना देवी को उसका पति, ससुर व देवर ने जलाकर मार दिया है। इस तहरीर पर पति, ससुर व देवर के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना की गई। मामले की विवेचना के दौरान पर्याप्त सबूत मिलने पर विवेचक ने न्यायालय में पति रामानंद यादव, ससुर बचाऊ यादव व देवर शिवानंद यादव के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल किया था। अदालत ने देवर शिवानंद के नाबालिक होने की वजह से उसके मामले को किशोर न्यायालय में भेज दिया गया। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान व पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी पति रामानंद यादव व ससुर बचाऊ यादव को उम्रकैद व 26- 26 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 6-6 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। अभियोजन पक्ष की ओर से अपर जिला शासकीय अधिवक्ता कुंवर वीर प्रताप सिंह ने बहस की।