एल्युमिनियम व बिजली उत्पादन के साथ साथ स्थानीय लोगो का जीवन स्तर सुधारना भी हमारी प्राथमिकता-आर.पी.सिंह
सोनभद्र।हिंडालको महान द्वारा सामाजिक उत्थान के रूप में, हिंडालको महान के सी.एसआर.विभाग ने ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की मदद करने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की है। सी.एस.आर.विभाग ने घरेलू एल पी.जी गैस सिलेण्डर के महंगे दामों के वजह एल.पी.जी.चूल्हों का उपयोग न करने वालो के लिये वैकल्पिक चूल्हा के रूप में बेहतरीन साधन साबित होगा जो जंगल की लकड़ियों पर निर्भर हैं । साथ ही इसमें प्रयोग होने वाला कृषि कचरे का निपटारन भी हो पायेगा,हिंडालको महान के सी.एस.आर.विभाग द्वारा ग्राम बरैनिया के मंगल भवन में आस पास के 10 गांवो के 100 चयनित हितग्राहियों को धान का अपशिष्ट भूसे से चलने वाला 100 चूल्हों का वितरण किया गया,जिसमें हिंडालको महान के ऑपरेशन हेड आर.पी.सिंह ,मानव संसाधन विभाग से श्रेया व सी.एस. आर.टीम से विजय बैश्य,धीरेंद्र तिवारी,बीरेंद्र पाण्डेय,देवेश त्रिपाठी शामिल हुये, बरैनिया मंगल भवन में उपस्थित ग्रामीणों को अरविंद बैश्य द्वारा चूल्हे का इस्तेमाल की सही तरीके की जानकारी दी।कार्यक्रम का संचालन करते सी.एस.आर.विभाग से बीरेंद्र पाण्डेय ने बताया कि यह चूल्हा उच्च दक्षता वाला है और धुएं की कमी के कारण स्वास्थ्य के लिए अधिक उपयोगी है। यह साझा समुदायिक स्तर पर ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक स्वायत्तता प्रदान करने में मदद करेगा। हिंडालको महान की इस सामाजिक पहल ने ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन को सुखद और साफ-सुथरा बनाने के लिए महत्वपूर्ण पहल है।
हिंडालको महान के सी.एस.आर. विभाग ने यह कार्यक्रम ग्रामीण समुदाय के लोगों को प्राकृतिक ऊर्जा स्रोत के साथ-साथ वायु प्रदूषण की कमी और धुएँ के प्रभावों से छुटकारा दिलाने के उद्देश्य से आयोजित किया गया है। यह चूल्हा चावल की छिलकों का उपयोग करके भोजन तैयार करता है और ग्रामीणों को अधिक समय और श्रम से बचाता है। इसके साथ ही, इस पहल के माध्यम से स्थानीय महिलाओं का स्वास्थ्य समस्याओं में कमी आयेगी।कार्यक्रम में श्रेया ने बताया कि हिंडालको महान के इस पहल ने लोगो का सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है साथ ही महिलाओ को खाना बनाने में धुंआ से मुक्ति मिलेगी।
कार्यक्रम में सी.एस. आर.विभाग से विभाग प्रमुख संजय सिंह ने बताया कि इस चूल्हे का वितरण हिंडालको महान की सामाजिक जिम्मेदारी का एक और पहलु को सामने रखा है ,जो ग्रामीण समुदायों के लिए शिक्षा,स्वास्थ्य और जीवन कौशल परियोजनाओं के विकास को ध्यान में रखा जा रहा है। इसके अलावा संस्था द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में वृक्षारोपण,जल संरक्षण और स्वच्छता अभियानों में भी सक्रियता दिखा रहा है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आर.पी.सिंह ने बताया की हमारी जिम्मेदारी एल्युमिनियम व बिजली उत्पादन तक ही सीमित नही है बल्कि हिंडालको महान सी.एस.आर.विभाग ने स्थानीय साझेदारियों, सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों के साथ मिलकर ग्रामीण समुदायों के विकास को सुनिश्चित करने के लिए संयुक्त प्रयास किए हैं। यह जो चूल्हा है ,इसका ईंधन आपके पास मौजूद है,जिस धान की भूसे को कचड़ा समझ कर फेंक देते हैं वह अब आपके लिये भोजन पकाने के काम आयेगा, इस प्रकार हिंडालको महान ने सामाजिक और पर्यावरणीय दायित्वों की पूर्ति में के उत्थान और सशक्तिकरण को प्रोत्साहित किया है।कार्यक्रम के सफल बनाने में हिंडालको महान से संजीव बैश्य व खलालू का विशेष योगदान रहा।