गुरमा-सोनभद्र(मोहन गुप्ता)।रार्बटसगंज विकास खण्ड के ग्राम चिरहुली में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के छठवें दिन प्रयागराज से पधारे पूज्य कथा व्यास आचार्य श्री शम्भु शरण जी महाराज ने अपनी मधुर वाणी से श्री कृष्ण भगवान की कथा का वर्णन किया। महाराज जी ने श्रोताओं को बताया की
भगवान श्री कृष्ण का विवाह रुक्मिणी के साथ हुआ और विदर्भ के महाराज भीष्मक ने द्वारिकपुरी आकर कन्यादान किया।आज की कथा को सुनने के लिए दूर दूर से भक्तजनों का जपार जनसमूह एकत्र हुआ। भगवान श्री कृष्ण के विवाहोत्सव पर आज पूरे दिन कथा पंडाल को सज़ाया गया भक्तों ने नृत्य
करके आज भगवान कन्हैया के आने की ख़ुशी मनाई। महाराज जी ने आज कृष्ण विवाह की कथा सुनाते हुए जनमानस को मंत्र मुग्ध कर दिया।महारास की कथा के विषय में समाज में लोगों में एक भ्रांति है की भगवान ने किसी और की स्त्रियों के साथ रासलीला क्यों की।उत्तर देते हुए कथा व्यास ने बताया की भगवान की उम्र उस समय दस वर्ष की थी
जब बालक में कामशुक उत्पन्न ही नहीं होते हैं और फिर भगवान समर्थवान हैं उनमे दोष देखना भी महापाप है।देव नदी गंगा अग्नि इनको कोई अपवित्र नयीं कहता है। महाराज जी ने बताया आज की कथा में विशेष रूप से मुख्य यजमान जनार्दन देव पाण्डेय एवम् शकुंतला देवी के साथ गुप्तकाशी अध्यक्ष सोनभद्र रविकान्त चतुर्वेदी, कवियित्री रचना त्रिपाठी, विद्याशंकर पाण्डेय, अविनाश शुक्ला, अवधेश पाण्डेय, धर्मेन्द्र त्रिपाठी, रविशंकर देव पाण्डेय, चन्द्र भूषण पांडेय, शशि भूषण देव पांडेय, संदीप देव पांडेय एवम क्षेत्र के कई गणमान्य भक्तजन उपस्थित रहे।