गुरमा-सोनभद्र(मोहन गुप्ता)। डॉ. अम्बेडकर के पद चिन्हों पर चलने की जरूरत – श्याम बिहारी ‘मधुर’ डॉ.अंबेडकर संघर्ष समिति के बैनर तले आयोजित ग्राम अवई आंबेडकर स्थल पर भारतीय संविधान के जनक बाबा साहब डॉ भीम राव अम्बेडकर जी की 132वीं जयंती कार्यक्रम में शिरकत कर रहे कवि, शिक्षक एवं समाजसेवी सोनभद्र श्याम बिहारी मधुर ने कमेटी के सदस्यों व अतिथियों संग बाबा साहब की प्रतिमा के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलित एवं माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। सर्वप्रथम बुद्ध वंदना, त्रिशरण एवं पंचशील धारण किया गया। आगे मधुर ने जयंती के उपलक्ष्य में पंडाल
में उपस्थित सभी दर्शकों एवं सभी धम्म बंधुओं को हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कार्यक्रम को संबोधित कर अपने सम्बोधन में कहा कि प्रत्येक धम्म बंधुओं को बाबा साहब के विचारों को आत्मसात् करने की जरूरत है। भारत के प्रथम विद्वान के रूप में ज्ञान की ज्योति जलाने वाले गरीबों के मसीहा, भरत रत्न, भारतीय संविधान के जनक बाबा साहब डॉ भीम राव आंबेडकर ने भारत में फैली तमाम कुरीतियों जैसे भेदभाव, छुआछूत, ऊंच नीच आडंबर इत्यादि को जड़ से मिटाकर लोकतंत्र व समता मूलक समाज की स्थापना कर गरीबों पीड़ितों और शोषितों को नया जीवन दान दिए हैं। बाबा साहब ने कहा कि मैं ऐसे धर्म को मानता हूं जो समाज में भाई चारा, प्रेम सौहार्द और बराबरी का दर्जा प्रदान करता है। वक्ताओं की कड़ी में मोटिवेशनल स्पीकर बिनोद कुमार ने बाबा साहब की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हम संघर्षों की बदौलत बड़े से बड़े लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं बशर्ते इरादें बुलंद हों। इसी क्रम में डॉ.राम अवतार चौहान, गुलाब चंद्रा, नारद राव, सुरेश कुमार ने बाबा साहब के जीवनी पर प्रकाश डाले। वक्ताओं की कड़ी में ही अशोक कुमार, अश्वनी कुमार, किशन राज, सुमीत राव, सोनू राज, चंद्रभान, उमेश कुमार, विजय भारती, संध्या भारती, प्रियांश देव आजाद ने गीत व कविताओं के माध्यम से समाज को सुंदर संदेश दिए। इस मौके पर सभी ग्राम वासियों ने हर्षोल्लास के साथ बाबा साहब की जयंती मनाया।