
सुरभी चतुर्वेदी की रिपोर्ट
वाराणसी। काशी का गौरव झांकी परिवार संस्थान द्वारा शुक्रवार को मैदागिन स्थित पराड़कर भवन में एक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। सम्मान समारोह में कलाकारों ने एक दूसरे को माल्यार्पण व अंगवस्त्र पहना कर सम्मान किया। इस दौरान बातचीत में प्रमुख विजय वाल्मिकी ने बताया कि मैंने ही काशी में झांकी के आयोजन की शुरूआत सन् २००३ में की थी। विगत कई वर्षों से उन्होंने देवी-देवताओं, भगवान शिव जैसे कलाकारों की भूमिका निभाई है।
कार्यक्रम सभी मंदिरों, देवालयों, शक्तिपीठों में किया है। लेकिन पिछले
पांच-छह सालों में कुछ नये कलाकारों ने देवी-देवताओं के रूवरूप में शराब
पीना, सिगरेट पीना तथा विभिन्न नशीले पदार्थों का सेवन कर अभद्र आचरण व गन्दा व्यवहार करते हैं, कुछ लोग ऐसे भी हैं कि कम पैसे में किसी को भी
कलाकार बनाकर झांकियों में ले जाते हैं, जहां वह अभद्रता करके कार्यक्रम
को बाधित करते हैं। जिसके कारण झांकी कलाकार बदनाम होते जा रहे हैं।
काशी एक धार्मिक नगरी है और बाबा भोलेनाथ यहां वास
करते हैं, जिसके चलते यहां अनेक जगहों से पर्यटक घूमने आते हैं और ऐसा न हो कि ऐसे लोगों के चलते काशी की छवि धूमिल हो।
इस दौरान उन्होंने सरकार से गुहार लगायी कि ऐसे कलाकारों के उपर कानूनी कार्रवाई करते हुए दण्डित करने की कृपा करें, ताकि हम जैसे सही और साफ आचरण वाले कलाकारों को सम्मान मिले। इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से सलमान किन्नर, विजय वाल्मिकी, राजकुमार, शनि सोनकर, डा. पारस नाथ गोलू, शशांक कुमार मिश्रा,अनिल यादव, अशोक जायसवाल, अशोक सिद्धार्थ केसवारी सहित सैकड़ों की संख्या
में कलाकार व आमजन मौजूद रहे।
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