- 25 हजार रूपये अर्थदंड ना देने पर 6 माह की अतिरिक्त कैद
- 7 वर्ष पूर्व पांचवीं कक्षा की नाबालिग छात्रा के साथ छेड़खानी का था आरोप
-अर्थदंड की समूची धनराशि 25 हजार रूपये पीड़िता को मिलेगी
सोनभद्र। 7 वर्ष पूर्व पांचवीं कक्षा की नाबालिग छात्रा के साथ छेड़खानी करने के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश / विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट सोनभद्र निहारिका चौहान की अदालत ने मंगलवार को सुनवाई करते हुए दोषसिद्ध पाकर दोषी शिक्षक उग्रसेन को 3 वर्ष की कैद एवं 25 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 6 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। अर्थदंड की समूची धनराशि 25 हजार रूपये पीड़िता को मिलेगी।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक पन्नूगंज थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी व्यक्ति ने 26 फरवरी 2016 को थाने में दी तहरीर में अवगत कराया था की उसकी नाबालिग बेटी जो पांचवीं कक्षा की छात्रा है अपने स्कूल में पढ़ने गई थी। दोपहर एक बजे छुट्टी हो जाती है, लेकिन शिक्षक उग्रसेन पुत्र रमेश कुशवाहा निवासी नगांव सिकरिया, थाना पन्नूगंज ने उसे यह कहकर रोक लिया कि फोटो खींचना है और तत्काल प्रवेश पत्र बनाकर दूंगा। सभी बच्चे अपने घर चले गए तो अकेला पाकर नाबालिग बेटी के साथ शिक्षक उग्रसेन छेड़खानी करने लगा तथा बेटी को पटक दिया। जब बेटी घर आई तो घटना की जानकारी दी। घटना 24 फरवरी 2016 की है। इस तहरीर पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना किया। विवेचक ने पर्याप्त सबूत मिलने पर न्यायालय में उग्रसेन के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल किया था। मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी उग्रसेन को 3 वर्ष की कैद एवं 25 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 6 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वहीं अर्थदंड की समूची धनराशि 25 हजार रूपये पीड़िता को मिलेगी। अभियोजन पक्ष की तरफ से सरकारी वकील दिनेश कुमार अग्रहरी, सत्य प्रकाश त्रिपाठी एवं नीरज कुमार सिंह ने बहस की।
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