गुरमा-सोनभद्र(मोहन गुप्ता)।। युग दृष्टा, समाज सुधारक एवं अपनी भविष्यवाणियों के लिये विख्यात् परम संत बाबा जयगुरुदेव जी महाराज के उत्तराधिकारी एवं जयगुरुदेव धर्म प्रचारक संस्था, मथुरा के अध्यक्ष पूज्य पंकज जी महाराज वर्तमान में सोनभद्र जिले के विकास खण्डवार सत्संग दौरे पर हैं। कल सायंकाल आध्यात्मिक जनजागरण यात्रा के साथ 19वें पड़ाव पर चोपन थाना क्षेत्र के महुआँव खुर्द पहुंचे तो बारिश होते रहने के बावजूद सड़क किनारे दीप प्रज्वलित थाल
लेकर, गाजे-बाजे के साथ स्थानीय भाई-बहनों ने भव्य स्वागत किया। आज यहां सत्संग का आयोजन हुआ। मंच पर श्री अवधू सिंह यादव अध्यक्ष, सिद्ध नाथ यादव तहसील अध्यक्ष, कान्ता प्रसाद गुप्ता ब्लाक अध्यक्ष, भूस्वामी विद्या मिश्रा, पूर्व प्रधान परमेश्वर यादव, लालव्रत यादव, राजेश प्रसाद, राजेन्द्र प्रसाद, कमला यादव, तथा सहयोगी संगत संतकबीर नगर के अध्यक्ष राजाराम यादव आदि ने पुष्पहार भेंटकर महाराज जी का स्वागत किया। रविवार के दोपहर अपने प्रवचन में महाराज जी ने कहा पुण्य कर्मों तथा सन्तों, महात्माओं की दया से हम
सबको यह मानव तन मिला है। यह सर्वश्रेष्ठ योनि है क्योंकि इसी मनुष्य शरीर में प्रभु के पास जाने का एक दरवाजा है। ‘‘साधन धाम मोक्ष कर द्वारा, पाइ न जे परलोक संवारा।’’ जगे हुये सन्त महात्मा मिल जांय और उस दरवाजे का भेद बता दें तभी जीव नाम योग की साधना करके उपरी मण्डलों में जा सकता है। क्योंकि देवी, देवता इन चर्म चक्षुओं (शरीर की आंख) से नहीं देखे जाते। इनको देखने के लिये इसी शरीर में
एक तीसरी आंख है जिसको ज्ञान चक्षु, शिव नेत्र या (ज्ीपतक म्लमद्ध कहते हैं। परन्तु खोटे-बुरे कर्मों के आवरण से वह बन्द है अब जब उस पर कोई अंजन (दवा) लगाई जाये तभी वह खुलेगी लेकिन इसके लिये गुरु की दया कृपा का मृदुल अंजन ही कारगर होता है। गोस्वमी जी ने कहा है कि गुरुपद रज मृदु मंजुल अंजन, नयन अमिय दृग दोष विभंजन।’’ और जब उस दया रूपी अंजन से वही तीसरी आंख खुलती है तो जीते जी राम के, कृष्ण के और अन्य देवी-देवताओं की लीलायें दिखाई पड़ने लगती हैं। ‘‘यथा सुअंजन अंजि दृग साधक सिद्ध सुजान। कौतुक देखहि शैल बन, भूतल भूरि निधान।’’ तब महात्माओं की दया कृपा जीवों को समझ में आती है। बाकी शरीर से तो वह भी एक साधारण इन्सान सरीखा दिखते हैं। ऐसे ही हमारे गुरु महाराज परम सन्त बाबा जयगुरुदेव ने अपनी दया कृपा देकर, नामदान देकर, कलयुग की सुलभ साधना (सुमिरन, ध्यान, भजन) कराकर करोड़ो लोगों का जीवन बदल दिया। उन्हीं के संकल्प को लेकर मैं भी निकला हूँ कि आप को साधू नहीं बनना, घर परिवार नहीं छोड़ना, खेती, दुकान, दफ्तर नहीं छोड़ना। गृहस्थी के सारे काम-काज करते हुये 24 घण्टे में घण्टा दो घण्टा समय निकाल कर भगवान का भजन अवश्य कर लिया करें ताकि मरने के बाद यह जीवात्मा नर्कों व चौरासी की सजा से बच जाये और आपका मानव जीवन पाने का उद्देश्य सफल हो सके।
पूज्य पंकज जी महाराज ने वर्तमान में देश में बढ़ती हुई हिंसा, अपराध पर भी अपनी गहरी चिन्ता व्यक्त करते हुये कहा कि आज का युवा अशुद्ध आहार (मांसाहार) के बढ़ते चलन और नशीले पदार्थों की गिरफ्त में फंसता चला जा रहा है। इसी के कारण घर बंट गये, परिवार बंट गया, समाज बंट गया और तो और अरे ! मां, बाप को भी बांट दिया कि 15 दिन हम खाना देंगे और बाद में तुम इनको लेकर चले जाना। इसलिये आप लोग अच्छा समाज बनाने के लिये सभी लोग परस्पर मिल-जुल कर रहें, एक-दूसरे के काम आवें और सुबह-शाम प्रभु का भजन करें। तभी ऊपर से भी दया होगी और एक अच्छे समाज का निर्माण हो सकेगा। लेकिन इसके लिये अशुद्ध आहार व शराब जैसे नशीले पदार्थों को त्यागना होगा।उन्होंने आगामी 17 से 21 मई तक जयगुरुदेव आश्रम मथुरा में होने वाले अपने गुरु महाराज परम संत बाबा जयगुरुदेव जी के ग्यारहवें पावन भण्डारा पर्व पर पधारने का निमन्त्रण दिया तथा बताया कि मथुरा में वरदानी जयगुरुदेव मन्दिर बना है जहां बुराईयां चढ़ाने पर मनोकामना की पूर्ति होती है। जिला-इटावा में तह. भरथना के गांव खितौरा धाम में बाबा जी की पावन जन्मभूमि है यहां पर भी भव्य वरदानी मन्दिर बना है। यहां सभी सम्प्रदायों के लोग आते हैं। इस अवसर पर बुधिराम पाल, राधे कृष्ण चौरसिया, अशोक कुमार, राम भवन चारसिया, गुड्डू लाल श्रीवास्तव, जोखन लाल, हरिश्चन्द्र प्रजापति, हरीराम वरूड़ आदि के साथ संस्था के महामन्त्री बाबूराम यादव, मंत्री विनय कुमार सिंह, आश्रम मथुरा के प्रबन्धक व उत्तर प्रदेश संगत के प्रा. अध्यक्ष सन्तराम चौधरी, बिहार प्रान्त के अध्यक्ष मृत्युन्जय झा, उपदेशक डा. कुंवर बृजेश सिंह, म.प्र., शिवराज सिंह सहित हजारों श्रद्धालु उपस्थित रहे। शांति और सुरक्षा व्यवस्था में पुलिस प्रशासन ने सहयोग किया। सत्संग के बाद धर्म यात्रा अपने अगले पड़ाव ग्राम चिरवी ब्लाक नगवा तहसील राबर्टसगंज के लिये प्रस्थान कर गई, जहां कल (आज) दिन के 11. 30 बजे से सत्संग आयोजित है।।