महाराज महापुरुषों का सत्संग बड़े भाग्य से मिलता है और सत्संग से होता है मनुष्य में विवेक जागृत- मथुरा के अध्यक्ष पंकज जी

ईमलीपुर-सोनभद्र(रोहित त्रिपाठी) थोड़ा सा समय निकालकर भगवान के भजन, खुदा की इबादत में देने, शाकाहारी बनने, शराब व मांस जैसे घातक नशा को त्यागने का सन्देश व प्रेरणा देते हुये जयगुरुदेव धर्म प्रचारक संस्था, मथुरा के अध्यक्ष पंकज जी महाराज अपनी 33 दिवसीय आध्यात्मिक जागरण यात्रा के साथ कल सायंकाल जब स्थानीय विकास खण्ड के

गांव सारंगा पहुंचे तो भारी वर्षा हो रही थी। फिर भी श्रद्धालु भाईयों, बहनों ने भीगते हुये जनजागरण यात्रा का स्वागत किया। जनसेवा इण्टर कालेज फुलवारी सारंगा के खेल मैदान में आयोजित सत्संग समारोह में पंकज महाराज ने कहा कि‘‘सत्संग जल जो कोई पावै, मैलाई सब कटि-कटि जावै’’। को उद्धृत करते हुये कहा महापुरुषों का सत्संग बड़े भाग्य से

मिलता है और सत्संग से मनुष्य में विवेक जागृत होता है। तब मानव जीवन पाने का उद्देश्य का पता चलता है। मनुष्य जब बड़ा हुआ तो मन इन्द्रियों के घाट पर विषय विकारों में फंस गया और उस परम पिता परमात्मा को भूल गया। यह आत्मा जिसके कारण हमारा आपका शरीर चल रहा है। वह शब्द (नाम) के द्वारा यहां लाई गई और उसका साथ शब्द से टूट गया। उसे बोध नहीं रहा कि हम कहाँ से आये? मरने के बाद हम कहाँ जायेंगे? हमारे रिश्तेदार मरने के बाद कहाँ जा रहे हैं?

यह मानव मात्र का जटिल प्रश्न है। यह प्रश्न तब तक हल नहीं होंगे जब तक कि प्रभु को प्राप्त करने वाले सन्त महात्मा न मिल जायें। इसलिये ऐसे गुरु की प्राप्ति से जीवन सफल हो जाता है। उन्होंने ‘‘मिली नर देह यह तुमको, बनाओ काज कुछ अपना’’ को उद्धृत करते हुये कहा यह अनमोल मानव शरीर आप को मिल गई है इससे अपना आत्म कल्याण करा लें। यही जीवन का असली लक्ष्य है। उन्होंने कहा इस कलयुग में महापुरुषों ने ग्रहस्थ आश्रम को सबसे अच्छा बताया क्योंकि कलयुग में अन्न में प्राण है। यदि भगवान के नाम पर घरबार छोड़ दिया तो जीने के लिये कुछ व्यवस्था करनी पड़ेगी। सन्तों ने इस कलयुग में सुरत-शब्द योग (नाम योग) की सरल साधना जारी किया। महाराज जी ने साधना की युक्ति बताया और समझाया। ‘‘तिल भर मच्छी खाइ कै। कोटि गऊ दे दान, काशी करवट ले मरै तो भी नर्क निदान।।’’ को उद्धृत करते हुये कहा कि महात्माओं ने तो तिल भर मच्छी खाने पर भी नर्क में भोग भोगना पड़ता है। मनुष्य तो शाकाहारी प्राणी है। जिस शराब को पीने से मां, बहन, बेटी की पहचान तक खत्म हो जाती है, उसको पीने से अच्छे, बुरे का ज्ञान कैसे होगा। महात्माओं ने अहिंसा परमो धर्मः का उपदेश किया। हम समाज के सभी लोगों से अपील करते हैं लोगों को शाकाहारी और नशा मुक्त करके अच्छे समाज के निर्माण में भागीदार बनें। उन्होंने आगामी 17 से 21 मई तक जयगुरुदेव आश्रम मथुरा में होने वाले अपने गुरु महाराज परम संत बाबा जयगुरुदेव जी के ग्यारहवें पावन भण्डारा पर्व पर पधारने का निमन्त्रण दिया तथा बताया कि मथुरा में वरदानी जयगुरुदेव मन्दिर बना है जहां बुराईयां चढ़ाने पर मनोकामना की पूर्ति होती है। जिला-इटावा में तह. भरथना के गांव खितौरा धाम में बाबा जी की पावन जन्मभूमि है यहां पर भी भव्य वरदानी मन्दिर बना है।
इस अवसर पर कार्यक्रम के आयोजक रवि प्रकाश मौर्य, बालकिशन फौजी, जवाहर लाल यादव, संजय कुमार, सुरेन्द्र प्रसाद, राजेन्द्र प्रसाद, तेजबली, बनारसी मौर्या, वीरेन्द्र सिंह, लाल बहादुर मौर्य, रंगलाल पटेल, शैलेन्द्र कुमार सिंह प्रबन्धक विद्यालय, सूर्यसेन सिंह ‘प्रधानाचार्य’, सालिकराम साहू, सहयोगी संगत वाराणसी के अध्यक्ष बेचू प्रसाद गुप्ता, बांकेलाल, लालचन्द, दिनेश कुमार, राजेश चौबे तथा संस्था के महामन्त्री बाबूराम यादव, आश्रम मथुरा के प्रबन्धक व उत्तर प्रदेश संगत के प्रा. अध्यक्ष सन्तराम चौधरी, बिहार प्रान्त के अध्यक्ष मृत्युन्जय झा, उपदेशक डा. कुंवर बृजेश सिंह, म.प्र. के प्रान्तीय अध्यक्ष नारेन्द्र सिंह बघेल, शिवराज सिंह सहित हजारों श्रद्धालु उपस्थित रहे। पुलिस प्रशासन ने शांति व सुरक्षा व्यवस्था किया। सत्संग के बाद धर्म यात्रा अपने अगले पड़ाव ग्राम सरंगा ब्लाक करमा तह. घोरावल के लिये. प्रस्थान कर गई, जहां दिन के 11.30 बजे से सत्संग आयोजित है।

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