वाराणसी से सुरभी चतुर्वेदी की रिपोर्ट
अंतराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान-दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र में वर्ल्ड बैंक एवं प्रदेश कृषि विभाग के अधिकारियों का भ्रमण
संस्थान द्वारा चावल आधारित अनुसंधान एवं खाद्य-सुरक्षा के क्षेत्र में किये जा रहे कार्यों का लिया जायजा
इर्री-दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र के निदेशक, डॉ. सुधांशु सिंह ने वर्तमान की कार्य-नीति एवं भविष्य की संभावनाओ पर डाला प्रकाश
टीम ने डॉ.पंजाब सिंह, कुलपति, रानी लक्ष्मीबाई कृषि विश्वविद्यालय, झाँसी से प्रदेश की कृषि- व्यवस्था पर की परिचर्चा
टीम ने केंद्र में स्थित उच्च-तकनीक एवं अत्याधुनिक सेवाओं से लैस प्रयोगशालाओं का भी किया अवलोकन
कृषि विभाग के अधिकारियों, वर्ल्ड बैंक एवं इर्री के वैज्ञानिकों ने अनुसंधान एवं नवाचार से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर की चर्चा वाराणसी। उत्तर प्रदेश में कृषि के विकास एवं ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से वर्ल्ड बैंक एवं उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा 13-18 मार्च तक राज्य के विभिन्न जिलों में भ्रमण किया जा रहा है। इसी दिशा में सोमवार को वर्ल्ड बैंक एवं प्रदेश सरकार के कृषि विभाग के अधिकारियों का एक दल वाराणसी स्थित अंतराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान-दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र पहुँचा। सचिव, कृषि विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार अनुराग यादव के नेतृत्व में डॉ. मुकेश गौतम, डॉ. आर.एस. राठोड़ सहित कृषि विभाग के अन्य अधिकारी इस भ्रमण का हिस्सा रहे। वर्ल्ड बैंक की टीम का नेतृत्व विनायक नारायण घटाटे, वरिष्ठ विशेषज्ञ, ग्रामीण विकास एवं टास्क टीम लीडर द्वारा किया गया। जिसमे एंड्रू डी. गूद्लैंड, रंजन समंतारय, अर्शिया गुप्ता, शांतनु कुमार, अनिंदो चेटर्जी आदि शामिल रहे। टीम ने अंतराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान- दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र में स्थापित विभिन्न उच्च-तकनीकी सेवाओं का भी जायजा लिया एवं केंद्र में क्रियाशील अनुसंधान एवं नवाचार से सम्बंधित विभिन्न पहलुओं पर जानकारी प्राप्त की। इस भ्रमण से पहले डॉ. पंजाब सिंह, कुलपति, रानी लक्ष्मीबाई कृषि विश्वविद्यालय, झाँसी ने वर्ल्ड बैंक एवं कृषि अधिकारियों से प्रदेश में कृषि से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श किया। उन्होंने प्रदेश की कृषि व्यवस्था की चर्चा करते हुए सतत विकास की दिशा में स्मार्ट कृषि, कार्बन उत्सर्जन, जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर भी चर्चा की। इसके बाद, टीम ने इर्री-दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र में उपलब्ध विभिन्न उच्च- तकनीकी प्रयोगशालाओं एवं अनुसंधान सेवाओं का भी दौरा किया। साथ ही, इर्री द्वारा चावल अनुसंधान और खाद्य-सुरक्षा के क्षेत्र में किये जा रहे कार्यों की भी जानकारी प्राप्त की। इर्री के वाराणसी स्थित इस केंद्र में खाद्य और पोषण सुरक्षा के साथ-साथ पर्यावरणीय फुटप्रिंट या प्रभाव को कम करते हुए उच्च उपज प्राप्त करने पर कई कार्य किये जा रहे हैं। संस्थान चावल आधारित खाद्य प्रणालियों के उत्पादन में वृद्धि,कौशल विकास कार्यक्रमों,चावल आधारित मूल्य वर्धित उत्पादों के विकास में भी क्रियाशील है। भ्रमण के बाद वर्ल्ड बैंक के लोग, प्रदेश सरकार के अधिकारियों एवं अंतराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों ने उत्तर प्रदेश में कृषि से जुड़ी चुनौतियों, कृषि को विकसित करने, छोटे-किसानों की अर्थ-व्यवस्था को सबल बनाने, जलवायु परिवर्तन का खेती पर प्रभाव आदि विषयों पर चर्चा हेतु एक विशेष सत्र का आयोजन किया गया। सत्र की शुरुआत करते हुए डॉ. सुधांशु सिंह ने अंतराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान- दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र द्वारा किये जा रहे कार्यों एवं भविष्य की संभावनाओं पर प्रकाश डाला। साथ ही उन्होंने चावल आधारित खाद्य प्रणाली को सुदृढ़ बनाने हेतु संस्थान द्वारा किये जा रहे प्रयासों में प्रदेश सरकार एवं वर्ल्ड बैंक से सहयोग की अपेक्षा की। सत्र के दौरान, कृषि अधिकारियों एवं वर्ल्ड बैंक की टीम ने किसान उत्पादक संस्थान के सदस्यों से वार्ता की। जिसके दौरान उन्होंने कृषि-विकास एवं मूल्यवर्धन श्रृंखला के क्षेत्र में अपेक्षित सहयोग के बारे में जानकारी ली। टीम ने केंद्र में स्थित चावल मूल्यवर्धन हेतु क्रियाशील प्रयोगशालाओं में वैज्ञानिकों द्वारा कालानमक एवं अन्य सुगंधित चावलों से तैयार किये जा रहे बिस्किट, म्युस्ली, पफ्ड राइस, आइसक्रीम आदि उत्पादों के बारे में भी जानकारी ली। इसके साथ ही टीम ने संस्थान के फार्म क्षेत्र में स्थित शोध प्रयोगशालाओं का भी अवलोकन किया।