वासिंग पीट के मलबे को हटाने का कार्य युद्धस्तर पर जारी
सोनभद्र। पूर्व मध्य रेलवे धनबाद डिवीजन के डीआरएम आशीष बंसल तीन दिवसीय दौरे पर रविवार को अपने सैलून से सुबह चोपन स्टेशन पहुंचने के तत्काल बाद पूरे लाव लश्कर के साथ डीआरएम सलईबनवा स्टेशन सड़क मार्ग से गए। तकरीबन 2 घंटे के बाद पूरा काफिला चोपन कंट्रोल रूम पर वापस पहुंचा तो मीडिया भी रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी से मिलने एवं अपने बातों को उनके समक्ष रखने के लिए पहुंच गई। बताते चलें कि करीब 3 घंटे तक कंट्रोल रूम में इंतजार करने के बाद भी डीआरएम मीडिया से मुखातिब नहीं हुए।
गौरतलब है कि चोपन रेलवे स्टेशन काफी महत्वपूर्ण स्थान है और यहीं से ट्रेनों के संचालन की व्यवस्था एवं माल गाड़ियों के बुकिंग एवं संचालन की व्यवस्था की जाती है। ऐसे में मीडिया अधिकारी से बजट से संबंधित जानकारी करने को बेताब थी साथ ही विगत वित्तीय वर्ष में मालगाड़ी से कितना लाभ एवं हानि हुआ इसका भी आकड़ा जानना चाहती थी किंतु सक्षम अधिकारी की बेरुखी की वजह से इन बातों की जानकारी नही कर पाई। वही विगत दिनों चोपन रेलवे स्टेशन पर वाशिंग पिट के निर्माण जो भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया और उद्घाटन से पूर्व ही एक बड़ा हिस्सा भरभरा कर गिर पड़ा था उसका भी खुलासा नहीं हो सका। ऐसे में रेलवे की पारदर्शिता पर सवालिया निशान उठना लाजमी है। कुछ ऐसा ही प्रकरण विगत दिनों पखवाड़े भर पूर्व में भी घटित हुआ जब घटिया ईट के निर्माण में प्रयोग करने पर संबंधित ठेकेदार के ऊपर रेल प्रशासन ने दंड लगाया था। उधर रेलवे प्रशासन वाशिंग पिट में हुए भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए लगातार मजदूरों को लगाकर मलबे को हटाने का काम जारी रखे हुए है । सूत्रों की माने तो मंडल रेल प्रबंधक आज सुबह वाशिंग पीट को देखने जाने वाले थे लेकिन स्थानीय रेल प्रशासन उनके प्रोग्राम में तब्दीली करते हुए उन्हें सलईबनवा की तरफ लेकर चली गई ताकि इस बीच मलबे को पूरी तरह से हटा दिया जाए। कुल मिलाकर स्थानीय मंडल रेल यातायात प्रबंधक से दूरभाष पर वार्ता हुई तो जरूर लेकिन फिर भी मामला सिफर ही रहा। अब देखना है कि अपने तीन दिवसीय प्रवास के दौरान डीआरएम क्या कार्यवाही करते है!