मुस्लिम देश मलेशिया में भगवान श्रीराम
विजय शंकर चतुर्वेदी
- मलेशिया में प्रभु श्रीराम का नाम लेकर मन्त्रीगण लेते हैं शपथ
- मस्जिद के निर्माण पर लगाये शिलापट्ट पर भी उत्कीर्ण करते हैं प्रभु श्रीराम का नाम
मलेशिया भारत का मित्र देश भी नहीं है, लेकिन वहां भारतीय संस्कृति और धर्म का इतना प्रभाव है कि प्रधानमंत्री हों या कैबिनेट मंत्री , मंत्री पद की शपथ लेते समय प्रभु श्रीराम का नाम लेते हैं। शपथ ग्रहण करते समय वे कहते हैं - ' उरूसान सेरी पादुका बेगिन्दा' , अर्थात श्रीराम के पादुका की आज्ञा से......, मलेशिया में कई सुल्तान होते हैं, उनमें से एक राष्ट्रपति पद पर आसीन होता है, जब वह शपथ लेता है, तो उसका प्रारंभिक वाक्य इस तरह होता है - ' उरूसान सेरी पादुका धुली बेगिन्दा ' अर्थात *भगवान राम के पादुकाओं के धूल के आदेश पर*.' . मलेशिया में प्रभु की चरणधूलि के स्मरण को भी पवित्र धूल का आभास करते हैं।
मलेशिया में रामायण विश्वविद्यालयों में साहित्य के रूप में पढ़ाया जाता है। रामायण को वे प्राचीन मलय साहित्य मानते हैं जिसे स्थानीय भाषा में ‘ हिकायत सेरी रामा’ कहते हैं। मलय भाषा में प्रयोग में आने वाले शब्द तमिल मूल के हैं।
पेनांग में एक मस्जिद पर शिलापट्ट पर अंकित है – ‘ इस मस्जिद का निर्माण सेरी पादुका के आदेश पर 1974 में किया गया ‘ अर्थात इस मस्जिद का निर्माण प्रभु श्रीराम की चरण पादुका के आदेश पर 1974 में किया गया
सुल्तान को आज भी ‘ राजा परमेश्वरा ‘ के नाम से सम्बोधित किया जाता है। राजा के दूसरे पुत्र को आज भी सम्मान से ‘ लक्ष्मण‘ कहा जाता है।
सुल्तान के कर्मचारी भी इतनी समझ रखते हैं कि मेरे माथे पर लगे टीके को देख कर पूछ बैठे की आप भारत से आये हैं ? धन्य है भारतीय संस्कृति और धर्म ।
(वर्ष 2016 में मलेशिया का भ्रमण)