नुकड़ नाटक द्वारा जन-जागरुकता कार्यक्रम का हुआ आयोजन

ओम प्रकाश रावत

विंढमगंज-सोनभद्र। स्थानीय रामलीला ग्राउंड में आज निपुण भारत मिशन उत्तर प्रदेश के द्वारा संचालित स्पेशल प्रोजेक्ट फॉर इक्विटी बेसिक शिक्षा विभाग सोनभद्र के अंतर्गत नुक्कड़ नाटक कमपोजिट विद्यालय विंढमगंज के छात्र छात्राओं को दिखाया गया। इस नुक्कड़ नाटक में आए कलाकारों ने सरकार के द्वारा शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए छात्र और छात्राओं को नुक्कड़ नाटक के माध्यम से शिक्षा ग्रहण करने के लिए प्रेरित

किया गया। नुक्कड़ नाटक में कलाकारों ने बच्चों को हास्य व्यंग की कला को दिखाते हुए यह बताने का प्रयास किया गया कि सरकार के द्वारा ग्रामीण व सुदूर क्षेत्र में रहने वाले ग्रामीण जनता के बच्चों को निशुल्क शिक्षा दिया जा रहा है, शिक्षा को ग्रहण कराने के लिए प्रत्येक बच्चे 1200रू नगद ड्रेस, जूता, मोजा, बैग खरीदारी करने के लिए साथ ही साथ विद्यालय में निशुल्क किताब भी दिया जा रहा है वर्तमान समय में शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया गया कि कक्षा 1 में जब

बच्चा है तो वह बढ़िया से बोलने लगे पढ़ने लगे, कक्षा दो में जब बच्चा है तो 45 शब्द प्रति मिनट के प्रवाह से पढ़ ले वह निपुण है कक्षा तीन में छात्र है तो 60 शब्द प्रति मिनट के प्रवाह से पढ़ ले गणित लगा ले तो वह निपुण है। इस परिवेश में जहां बेटे को पढ़ाने के प्रति अभिभावक ज्यादा रुचि रखते हैं उसी तरह बेटियों को भी पढ़ाने में अपना रुचि रखें ताकि बेटा हो या बेटी एक समान से पढ़ाई करके अपने घर परिवार समाज देश गांव का नाम रोशन करेंगे बेटा और बेटी में किसी भी तरह का कोई अंतर न समझे सरकार के द्वारा दिव्यांगों को भी विद्यालय

में निशुल्क शिक्षा देने की व्यवस्था बनाई गई है इसलिए आप सभी लोग अपने बच्चों को चाहे वह बेटा हो या बेटी, दिव्यांगों हर किसी को शिक्षा ग्रहण कराना हम सबकी जिम्मेदारी है जब बच्चों में शिक्षा ग्रहण करने की शक्ति आएगी तभी निपुण भारत मिशन की योजना सफल होगी कलाकारों ने गाना “बेटे का सम्मान है जग में, बेटी का कोई मान नहीं” “मुझे बताओ दुनिया वालों, बेटी क्या इंसान नहीं” की प्रस्तुति करके मौजूद ग्रामीणों को प्रेरित किया कि शिक्षा का अधिकार बेटा हो या बेटी सभी के लिए एक समान है इस मौके पर ग्राम प्रधान प्रतिनिधि संजय कुमार गुप्ता प्रधानाचार्य राजकमल यादव अंजू रानी राजाराम पनिका राकेश कुमार गुप्ता सहित दर्जनों लोग ने नुक्कड़ नाटक के माध्यम से शिक्षा अनिवार्य रूप से ग्रहण कराने के लिए प्रेरित हुए।

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