- तीन दोषियों पर 26-26 हजार रुपये अर्थदंड व एक पर 31 हजार रुपये अर्थदंड,न देने पर 3-3 माह की अतिरिक्त कैद
- जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित होगी
- अर्थदंड की समूची धनराशि एक लाख नौ हजार रुपये पीड़िता को मिलेगी
- डेढ़ वर्ष पूर्व 15 वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ हुए छेड़छाड़ का मामला
सोनभद्र। डेढ़ वर्ष पूर्व 15 वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ हुए छेड़छाड़ के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश/ विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट सोनभद्र निहारिका चौहान की अदालत ने बुधवार को सुनवाई करते हुए दोषसिद्ध पाकर चार दोषियों गोविंद, रामानन्द उर्फ कलेक्टर व दीपू को 3-3 वर्ष की कैद एवं 26-26 हजार रुपये अर्थदंड तथा दोषी आकाश पटेल को 3 वर्ष की कैद एवं 31 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 3-3 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी पड़ेगी। वहीं अर्थदंड की समूची धनराशि एक लाख नौ हजार रुपये पीड़िता को मिलेगी।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक राबर्ट्सगंज कोतवाली क्षेत्र के एक गांव निवासी 15 वर्षीय नाबालिग लड़की के पिता ने 2 जुलाई 2021 को राबर्ट्सगंज कोतवाली में दी तहरीर में आरोप लगाया था कि उसकी 15 वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ एक जुलाई 2021 को रात 8:30 बजे राबर्ट्सगंज कोतवाली क्षेत्र के जिगिना गांव निवासी गोविंद पुत्र हरिचरण,रामानन्द उर्फ कलेक्टर पुत्र हरिचरण, आकाश पटेल पुत्र राम सिंह पटेल व दीपू पुत्र अमृतलाल नशे में होकर उसकहर में घुस गए और नाबालिग लड़की के साथ छेड़खानी की और बीचबचाव करने आयी उसकी मां व छोटी बहन को चाकू से प्रहार कर घायल कर दिया। इसके अलावा गाली देते हुए अभियुक्तगण चले गए। इस तहरीर पर राबर्ट्सगंज कोतवाली पुलिस ने छेड़खानी, एससी/एसटी व पॉक्सो एक्ट में एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना शुरू कर दिया। विवेचक ने पर्याप्त सबूत मिलने पर न्यायालय में चार्जशीट दाखिल किया था। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर चार दोषियों गोविंद, रामानन्द उर्फ कलेक्टर, दीपू पुत्र अमृतलाल को 3-3 वर्ष की कैद एवं 26-26 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। वहीं दोषी आकाश पटेल को 3वर्ष की कैद व 31 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड अदा न करने पर 3-3 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित होगी। वही अर्थदंड की समूची धनराशि एक लाख 9 हजार रुपये पीड़िता को मिलेगी। अभियोजन पक्ष की तरफ से सरकारी वकील दिनेश प्रसाद अग्रहरि,सत्य प्रकाश त्रिपाठी एवं नीरज कुमार सिंह एडवोकेट ने बहस की।