जहां भी भागवत कथा होती है वहां दुनिया के सभी तीर्थ पहुंच जाते हैं- विष्णु प्रिया शास्त्री
राधा कृष्ण के जयकारों से गुंजायमान हो गया पूरा भागवत पंडाल
सोनभद्र(सर्वेश श्रीवास्तव)। नगर स्थित आर्य समाज मंदिर में सप्त दिवसीय संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा के प्रथम दिन अयोध्या से पधारी सुप्रसिद्ध प्रवचन कर्ता श्री विष्णु प्रिया शास्त्री जी ने पहले दिन की श्रीमद्भागवत पूजन महात्मय की कथा का वाचन करते हुए कहा कि पापनाशिनी, मोक्ष प्रदायिनी, भव भयहारिणी श्रीमद्भागवत कथा को केवल मृत्युलोक में ही प्राप्त करना संभव है। जो मिठास हमारे ग्रंथ में है, अगर ये जीवन में उतर जाए तो जीवन से कष्ट ही दूर हो जाएगा। श्रीकृष्ण ने
कहा है कि जहां भी भागवत कथा होती है वहां दुनिया के सभी तीर्थ पहुंच जाते हैं। सभी साधनों में भागवत कथा श्रेष्ठ है। शास्त्री जी ने कहा कि भक्ति और विभक्ति दो शब्द हुआ करते हैं। आज इंसान प्रभु से विभक्त होने के कारण ही दुखी है। भक्ति का अर्थ ही है- परमात्मा से जुड़ जाना और यही सच्चा धर्म भी है। हर समस्या से निकलने की क्षमता और रास्ता दोनों ही ईश्वर ने हमें दिए हैं। बस, जरा सा सिर उठाकर उपर देखने भर की देर है। बस इरादे बुलंद कर अपनी आत्मिक शक्तियों को जानने भर की देर है। वही प्रथम दिवस की कथा में भव्य
झांकी भी सजाई गई जिसमें राधा कृष्ण के वेश में सजी श्रुति अग्रवाल और साक्षी गर्ग ने सभी का मन मोह लिया और राधा रानी और श्रीकृष्ण के जयकारों से पूरा भागवत कथा का पंडाल गुंजायमान हो गया। प्रथम दिवस की कथा का समापन मुख्य यजमान उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के जिला अध्यक्ष रतन लाल गर्ग और उनकी धर्मपत्नी अनारकली देवी के द्वारा की गई आरती पूजन के साथ हुआ। वही कथा सुनकर वहां उपस्थित भक्त भाव विभोर हो गए और वृंदावन बांके बिहारी लाल की खूब जमकर जयकारे लगे। इस अवसर पर मुख्य रूप से यज्ञाचार्य सौरभ कुमार भारद्वाज, झांकी व्यास ज्ञानेश जी, नरेंद्र गर्ग, कृष्ण कुमार, विनोद, सुशील पाठक शिशु तिवारी, अविनाश शुक्ल, विमल जालान, दीपक कुमार केसरवानी, डॉक्टर सिंगला, मंजू, अनीता गर्ग, रेनू सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु गण उपस्थित रहे।