- 53 हजार रुपये अर्थदंड, न देने पर 6 माह की अतिरिक्त कैद
- अर्थदंड की आधी धनराशि पीड़िता को मिलेगी
- दो वर्ष पूर्व ड्यूटी से घर लौट रही महिला के साथ हुए दुष्कर्म का मामला
सोनभद्र। अपर सत्र न्यायाधीश (सीएडब्लू) सोनभद्र आशुतोष कुमार सिंह की अदालत ने दो वर्ष पूर्व ड्यूटी से घर लौट रही महिला के साथ हुए दुष्कर्म के मामले में सुनवाई करते हुए शुक्रवार को दोषसिद्ध पाकर दोषी सुमेश्वर को 15 वर्ष की कैद एवं 53 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 6 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित की जाएगी। वहीं पीड़िता को अर्थदंड की आधी धनराशि मिलेगी।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक बीजपुर थाना क्षेत्र के एक गांव के व्यक्ति ने थाने में दी तहरीर में आरोप लगाया था कि एक सितंबर 2020 को शाम 6 बजे जब उसकी बहु ड्यूटी करके घर वापस पैदल ही लौट रही थी तभी बीजपुर थाना क्षेत्र के पुनर्वास द्वितीय अम्बेडकर नगर डोड़हर गांव निवासी सुमेश्वर पुत्र स्वर्गीय बुधराम बाइक से आया और उसकी बहु से कहा कि बैठो चलो घर छोड़ देंगे। उसकी बात पर विश्वास करके बहु बाइक पर बैठ गई। उसके बाद बहु को लेकर जंगल के रास्ते ले गया और उसके साथ जबरन दुष्कर्म किया। किसी तरह से उसके चंगुल से भागकर बहु ने फोन करके घरवालों को सूचना दिया। इस तहरीर पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना किया। पर्याप्त सबूत मिलने पर विवेचक ने न्यायालय में चार्जशीट दाखिल किया था। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी सुमेश्वर को 15 वर्ष की कैद एवं 53 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 6 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वहीं जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित की जाएगी। जबकि पीड़िता को अर्थदंड की आधी धनराशि मिलेगी।अभियोजन पक्ष की तरफ से सरकारी वकील विनोद कुमार पाठक ने बहस की।