कायाकल्प अवार्ड योजना के तहत किया गया निरीक्षण

कायाकल्प टीम ने भौतिक सत्यापन के लिए सीएचसी चोपन का किया निरीक्षण, लिया फीडबैक

एनक्यूएएस में नाम जुड़ने से संसाधनों में हो सकती है लाखों की बढ़ोतरी

चोपन-सोनभद्र(सत्यदेव पांडेय)। सरकारी अस्पतालों के कायाकल्प को लेकर प्रदेश सरकार का शासन तंत्र काफी गंभीर है। जिसकी वजह से हर साल अस्पतालों का भौतिक सत्यापन कराया जाता है। इस बार नए सिरे से अस्पतालों का सत्यापन किया जाना है। जिला अस्पताल व सीएचसी सेंटर को लेकर शासन की जांच टीम खासतौर से कई बिंदुओं को लेकर सत्यापन करेगी। मंगलवार को नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड(एनक्यूएएस) की कायाकल्प टीम चोपन सामुदायिक केंद्र पर पहुँच कर फीडबैक ली। कायाकल्प अवार्ड योजना के लिए अस्पताल की पड़ताल करने आई शासन की टीम अस्पताल के सभी विभागों का निरीक्षण किया। इस दौरान अस्पताल में गंदगी पर टीम ने नाराजगी जताई और व्यवस्था सुधारने का निर्देश दिया।

इमरजेंसी वार्ड, मरीज वार्ड, डॉक्टर डयूटी कक्ष, मेडिकल वार्ड, सर्जिकल वार्ड, नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई, ऑपरेशन थियेटर(ओटी), रेडियोलॉजी एक्‍स-रे विभाग, पैथोलेब, जनरल वार्ड का निरीक्षण टीम ने किया। इसी के साथ आपातकालीन सेवा विभाग का भी निरीक्षण किया। दवा वितरण कक्ष में पहुंचकर स्टाफ से कई जानकारियां ली। टीम ने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि, कई मशीनें होने के बाद भी उसको चालू नहीं किया जा सका है। ईसीजी मशीन होने के बावजूद टेक्नीशियन के न होने से मशीन पड़ी हुई है। इसी तरह अल्ट्रासाउंड मशीन अस्पताल में है तो ज़रूर, लेकिन टेक्नीशियन न होने की वजह से मरीजों को अल्ट्रासाउंड की सुविधाएं नहीं मिल रहा। एक्सरे मशीन भी पिछले कई महीनों से खराब है। सोलर व जनरेटर की सुविधा होने के बावजूद टॉर्च के ज़रिए डिलवरी किये जाने की बात के सवाल पर टीम का नेतृत्व कर रहे डा. राजन सिंह ने कहा कि, सोलर या जनरेटर काम नहीं कर रहा तो इसकी शिकायत उच्च स्तर पर करके जल्द-से-जल्द ठीक करा लेना चाहिए। टॉर्च की रोशनी में डिलिवरी करना सही नहीं है। टीम ने बताया कि, हम अपनी गुप्त रिपोर्ट शासन स्तर के एडी को भेजेंगे। सरकार की तरफ से स्वास्थ्य एटीएम हर अस्पतालों में लगना है। मशीन आने में वक्त लग सकता है। जांच टीम ने बताया कि, यह अंतिम जांच नहीं है, शासन को लगेगा तो 2 या 3 बार फिर से कोई और टीम जांच करने आ सकती है। जांच के दौरान टीम ने कुछ हद तक संतोष व्यक्त किया तथा और बेहतर कार्य करने की नसीहत दी। बताते चले कि, कायाकल्प टीम निरीक्षण के बाद अपनी रिपोर्ट शासन को भेजेगी। अस्पताल की व्यवस्था के आधार पर ही ग्रेडिंग होगी। स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार टीम के सत्यापन में यदि अस्पताल को 70 फीसदी से अधिक अंक मिले तो अस्पताल के नाम के साथ एनक्यूएएस भी जुड़कर जाएगा। इस ग्रेड के जुड़ने से ही अस्पताल के बजट, संसाधनों में लाखों की बढ़ोतरी हो सकती है। कायाकल्प टीम की जांच को लेकर चोपन सामुदायिक केंद्र में ओर दिनों की अपेक्षा व्यवस्था बेहतर दिखी।

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