श्रीराम कथा के आठवें दिन हनुमान मिलन माता सीता की खोज का प्रसंग सुन निहाल हुए श्रोता

रामजियावन गुप्ता/बीजपुर(सोनभद्र) थाना क्षेत्र के सेवकाडॉड में युवक मंगलदल और दुर्गा पूजा समिति के संयुक्त तत्वावधान में चल रहे नौ दिवसीय श्रीराम कथा में श्रोताओं की भारी भीड़ जूट रही है। श्रोताओं की माने तो परम्परा के अनुसार अभी तक प्रत्येक वर्ष रामलीला का जीवंत मंचन हुआ करता था। साथ ही पूजा पंडाल में माँ दुर्गा की प्रतिमा स्थापित कर नौ दिन तक अन्य धार्मिक कार्यक्रम आयोजित होते रहे हैं। इस वर्ष से युवा वर्ग की सोच ने श्रीराम कथा का आयोजन कर चार चाँद लगा दिया है। कथा के आठवें दिन श्रीधाम बृंदावन से पधारी प्रख्यात कथा वाचिका देवी सत्याचार्य जी माता शबरी के आश्रम में प्रभु श्रीराम के बिताए पल भगवान राम के प्रति शबरी के नौ प्रकार के भक्ति गुण का वर्णन ततपश्चात हनुमान मिलन बाली सुग्रीव युद्ध के बाद सुग्रीव से मित्रता और हनुमान जी की वानरी सेना के साथ माता सीता की खोज के लिए जंगल के हर जीवजंतुओं पशु पक्षी जटायु से प्रेम और मित्रता का योगदान की अनुकरणीय कथा का विस्तार से वर्णन सुन श्रोता भक्तगण निहाल हो गए। बरसात के बावजूद कथा के अंत तक भीड़ जमी रही बाद में आरती और प्रसाद बितरण के बाद जय श्रीराम के उद्घोष के साथ सभी श्रोता भक्त अपने स्थान को वापस गए। कार्यक्रम के आरम्भ में मुख्य अतिथि रामप्रसाद ने पूजापाठ आरती कर कार्यक्रम को शुरू कराया। इस अवसर पर रामबृक्ष जायसवाल, रामभोग, रामप्रीत, सुशील कुमार जायसवाल, श्यामलाल गुप्ता, रमेश, रामचन्द्र गुप्ता, आनन्द जायसवाल सहित सौकड़ों की संख्या में महिला पुरुष और बच्चे उपस्थित थे।

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