श्रीराम कथा में शबरी के हाथों जूठे बेर खाने का रोचक प्रसंग सुन भाव विभोर हुए श्रोता

रामजियावन गुप्ता/बीजपुर(सोनभद्र) थाना क्षेत्र के सेवकाडॉड में युवक मंगलदल और दुर्गा पूजा समिति के संयुक्त नेतृत्व में चल रहे नौ दिवसीय श्रीराम कथा की हर जगह खूब सराहना हो रही है। पंडाल में सैकड़ों की संख्या में बैठे श्रोताओं को कथा के सातवें दिन श्रीधाम बृंदावन से पधारी प्रख्यात कथा वाचिका देवी सत्याचार्य जी ने कहा कि भगवान श्रीराम वनगमन के समय सरयू नदी पार कर अनेक ऋषि – मुनियों का श्रीराम आशीर्वाद प्राप्त कर चित्रकूट पहुँचे सर्वाधिक समय बनवास के दौरान भगवान का चित्रकूट के जंगलों में ब्यतीत हुआ। इसके बाद नाशिक पंचवटी पहुँचने के बाद वहाँ रावण की वहन सुपनखा का नाक काटने के बाद सूपनखा का बिलाप और रावण के पास जाकर नाक काटने की दास्तान बताने पर रावण ने छल से सीता माता का हरण करना राक्षस खरदूषण बध के बाद माँ जानकी की खोज में प्रभु श्रीराम और लक्ष्मण का दर दर वन में भटकते हुए शबरी के आश्रम पहुँचने पर शबरी के हाथों जूठे बेर खाना आदि इससे जुड़े कई और रोचक प्रसंग सुन श्रोता भाव विभोर हो गए। कथा के बीच मे ही भगवान श्रीराम – लक्षमण और माता शबरी की एक सुंदर झाँकी प्रस्तुत की गई जिसकी मुक्त कंठ से लोगों ने सराहना की अंत मे आरती और प्रसाद बितरण के बाद श्रोतागण अपने स्थान को रवाना हुए। कार्यक्रम के आरम्भ में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित वरिष्ठ शिक्षक रामप्रसाद ने पूजापाठ आरती कर कार्यक्रम को शुरू कराया। इस अवसर पर रामभोग जायसवाल,रामप्रीत जायसवाल, सुशील कुमार जायसवाल, श्यामलाल गुप्ता, रामचन्द्र गुप्ता, उमाशंकर जायसवाल, ओमप्रकाश,भगवानदास, राजेश , आंनद जायसवाल,रामबृक्ष जायसवाल सहित क्षेत्र के अनेक गणमान्य लोग महिलाएं, पुरुष, बच्चें उपस्थित थे।

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