धनुष का खंडन होते ही रामलीला प्रांगण श्रीराम के जयकारे से गूँज उठा
अनपरा(सोनभद्र) हिण्डालको रेणुसागर पावर डिवीजन रेनूसागर द्वारा रामलीला मंचन के चतुर्थ दिवस के अवसर पर सर्वप्रथम व्यास जी द्वारा गणेश वंदना एवं रामायण जी की आरती से कार्यक्रम प्रारम्भ हुआ। झॉकी में श्रीराम-लक्ष्मण, की सुन्दर झॉकी प्रस्तुत की गई। मुख्य अतिथि के रूप में रेणुसागर पावर डिवीजन के अध्यक्ष ऊर्जा के.पी.यादव सपत्नीक द्वारा विधिवत वैदिक मंत्रोचार के बीच विधि विधान से आरती कराकर रामलीला के मंचन का शुभारम्भ किया गया। मुख्य अतिथि अध्यक्ष ऊर्जा ने अपने उदबोधन में रामलीला समिति के प्रबन्धक, पात्र व दर्शकों को नवरात्रि की बधाई देते हुए कहा कि पारम्परिक रूप से आयोजित होने वाली रामलीला का मंचन हम सभी को सत्कर्म करने की नसीहत देते हुए अच्छाई के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती हैं।
तत्पश्चात रामलीला का मंचन शुरू हुआ जिसमें प्रभु श्रीराम ने शिवजी के पुराने धनुष का खंडन किया। पूरा खचाखच भरा रामलीला प्रांगण श्रीराम के जयकारे से गूँज उठा। सीता जी के स्वयंबर में रावण, बाणासुर जेैसे तमाम योद्धाओं ने बड़ी संख्या में शिरकत की तथा बड़ी-बड़ी बातें की, परन्तु शिवजी के पुराने धनुष को तिलभर भी हिला न पाए। यह स्थिति देख राजा जनक हतोत्साहित हो जाते हैं। तत्पश्चात् दुःखी मन से सभी योद्धाओं को चले जाने के लिए कहते हैं। राजा जनक की यह बात लक्ष्मण जी को नागवार लगी और वह क्रोधित हो जाते हैं, स्थिति को देख भगवान राम के गुरू विश्वामित्र जी ने श्रीराम को धनुष उठाने के लिए इशारा किया। श्रीराम ने यज्ञशाला में पहुँचकर पलभर में धनुष को खंडित कर दिया। तत्पश्चात् चारों तरफ जय-जयकार होने लगी। वहीं दूसरी तरफ परशुराम का क्रोध देखकर सभी राजा स्तब्ध रह गए। फिर भगवान श्रीराम ने परशुराम से विनती करते हुए कहा कि हे नाथ धनुष खंडित करने वाला कोई आपका सेवक ही होगा। परशुराम ने क्रोधित होते हुए कहा कि सेवक सेवा का कार्य करता है न कि शत्रु का। तत्पश्चात््ा भगवान श्रीराम के राजतिलक की घोषण कर राजतिलक किया गया। राजा दशरथ, कैकेई, श्रीराम, लक्ष्मण और सीता के रूप में पात्रों का सुन्दर अभिनय व इसके पूर्व कलाकारों द्वारा प्रस्तुत की गई झांकी को देख उपस्थित दर्शक भावविभोर व मंत्रमुग्ध हो गये। इसके अतिरिक्त एक से बढ़ कर एक रंगारंग कार्यक्रम कलाकारों द्वारा प्रस्तुत किया गया। साथ ही साथ दिल्ली से आए व्यास नारायण लाल तिवारी की चैपाइयों से उपस्थित लोग भाव विभोर होकर झूमने पर मजबूर हो गये। इस अवसर पर मुख्य रूप से दिशिता महिला मण्डल की अध्यक्षा इन्दू यादव, संजय सिंह, शैलेश विक्रम सिंह, गुलसन तिवारी, सुदिप्ता नायक, अनिल सिघानिया, डा.ए.के. दूबे, परेश ढोले राम जतन गुप्ता, राजेश सैनी, संदीप यावले, कर्नल जयदीप मिश्रा श्याम सुन्दर बियाला, सतनाम सिंह आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे ।