- 40 हजार रुपये अर्थदंड, न देने पर 6 माह की अतिरिक्त कैद
- साढ़े सात वर्ष पूर्व 13 वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ हुए दुष्कर्म का मामला
- अर्थदंड की समूची धनराशि 40 हजार रुपये पीड़िता को मिलेगी
सोनभद्र। साढ़े सात वर्ष पूर्व 13 वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ हुए दुष्कर्म के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश/ विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट सोनभद्र निहारिका चौहान की अदालत ने बुधवार को सुनवाई करते हुए दोषसिद्ध पाकर दोषी सोनू मौर्या को 10 वर्ष की कैद एवं 40 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 6 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी पड़ेगी। वहीं अर्थदंड की समूची धनराशि 40 हजार रुपये पीड़िता को मिलेगी।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक दुद्धी कोतवाली क्षेत्र के एक गांव की महिला ने 27 फरवरी 2015 को सोनभद्र एसपी को दिए शिकायती पत्र में आरोप लगाया था कि उसकी 13 वर्षीय नाबालिग बेटी 19 फरवरी 2015 की रात्रि 11 बजे जब शौच के लिए घर से बाहर निकली तभी दुद्धी कोतवाली क्षेत्र के रजखड़ गांव निवासी सोनू मौर्या पुत्र विनोद कुमार बहला फुसलाकर भगा ले गया और उसके साथ दुष्कर्म भी किया। एसपी के निर्देश पर कोतवाली पुलिस ने 28 फरवरी को पॉक्सो एक्ट एवं दुष्कर्म समेत अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना शुरू कर दिया। विवेचक ने पर्याप्त सबूत मिलने पर न्यायालय में चार्जशीट दाखिल किया था। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी सोनू मौर्या को 10 वर्ष की कैद एवं 40 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड अदा न करने पर 6 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित होगी। वही अर्थदंड की समूची धनराशि 40 हजार रुपये पीड़िता को मिलेगी। अभियोजन पक्ष की तरफ से सरकारी वकील दिनेश प्रसाद अग्रहरि,सत्य प्रकाश त्रिपाठी एवं नीरज कुमार सिंह एडवोकेट ने बहस की।