वन विभाग का नियम कानून देख लोग भौचक!

एक ही नम्बर में बने आधा मकान को बैध आधा अबैध बता कर गिराया

बीजपुर (सोनभद्र) । स्थानीय थाना क्षेत्र अंतर्गत मोटर गैराज के पास उत्तर पटरी पर बने वन विभाग की विवादित जमीन में एक लम्बे चौड़े मकान को बिगत सप्ताह वन विभाग की टीम ने आधा मकान पर बुल्डोजर चला कर गिरा दिया, वहीं उसी से सटे आधा मकान को किस कानून या किसके आदेश पर छोड़ दिया गया यह कोई बताने वाला नही है जो चर्चा का विषय बना हुआ है। वन विभाग की माने तो अतिक्रमणकर्ता ने वन विभाग की धारा 20 की भूमि में जबरन जमीन कब्जा कर लम्बा चौड़ा मकान बना लिया था। जब बिभाग ने केश किया तो मालिकाना हक के लिए कोर्ट में आरोपी भी मुकदमा दाखिल कर दिया लेकिन पिछले महीने अतिक्रमण कर्ता राजेश कसेरा केस हार गया। फैसला वन विभाग के पक्ष में आते ही बुल्डोजर लेकर भारी फोर्स के साथ पहुचे रेनुकोट वन प्रभाग के प्रभागीय वनाधिकारी ने आधा मकान को जमींदोज करा दिया वही आधा मकान बिना गिरवाए छोड़ कर चले गए। वन विभाग के इस अँधे कानून की चर्चा बाजार सहित आस पास के इलाके में जोरों से चल रही है। उधर मकान गिराए जाने के बाद इलाहाबाद से बीजपुर घर पहुँचे राजेश कसेरा अपने मकान की हालत देख भौचक रह गया। उन्होंने बताया कि उसके खिलाफ कोर्ट का कोई आदेश नही है डीएफओ और तहसील कर्मियों की मिली भगत से आधा हिस्सा मकान गिराया गया है अगर अबैध था तो पूरा मकान गिराना चाहिए था! पीड़ित ने आरोप लगाते हुए कहा है कि समय समय पर बीजपुर में तैनात वन कर्मी उत्तर पटरी पर करोड़ों की जमीन कौड़ियों के भाव बेचते रहे हैं उसी में मैं भी कब्जा किया था। कसेरा ने कहा कि एक भूमाफिया से साठगांठ कर वन अधिकारी ने उसके जीवको पार्जन की लेथ मशीन, बेल्डिंग मशीन और अन्य उपकरण सहित बर्तन और जीने खाने के आवश्यक समान को जेसीबी मशीन से तहस नहस कर दिया है जिसके कारण वह बेरोजगारी के कगार पर पहुँच गया है।

प्रभागीय वनाधिकारी रेनुकूट मनमोहन मिश्रा ने बताया कि उक्त मकान के जमीन की रजिस्ट्री जमुना गुप्ता से कराया गया है जो न्यायालय में विचाराधीन है जैसे ही फैसला होगा उस पर भी कार्रवाई की जायेगी

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