रामजियावन गुप्ता/बीजपुर(सोनभद्र)शिक्षा एक ऐसी शक्तिशाली हथियार है जिसका उपयोग हम दुनिया को बदलने के लिए कर सकते हैं । शीर्षक बताता है कि “शिक्षा भविष्य के प्रकाश डालता है”। रोजगार, समुदाय से संबंधित और अपने बच्चों की मदद करने की क्षमता के लिए शिक्षा आवश्यक है। जो पढ़ नहीं सकते, वे पेशेवर या व्यक्तिगत विकास के कई अवसरों से वंचित रह जाते हैं। विशेष रूप से भारत के ग्रामीण इलाकों में बालिकाओं को शिक्षा प्राप्त करना काफी कठिन है। इसे देखते हुए लड़कियों को शिक्षित करने की दिशा में कदम उठाते हुए एनटीपीसी ने बालिका सशक्तिकरण मिशन शुरू किया है।
23 मई, 2022 को शुरू हुआ बालिका सशक्तिकरण मिशन (जीईएम) अपने अंतिम चरण यानी हमारे “जेईएम” मिशन के चौथे सप्ताह में प्रवेश कर चुका है। इन पिछले तीन हफ्तों में बालिकाओं के व्यक्तित्व एवं प्रतिभा को निखारने हेतु विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में योग, ड्राईंग-पेन्टिग, नृत्य एवं संगीत, खेलकूद, आत्मरक्षा के लिए ताइक्वाडो, मनोरंजक कार्यक्रम एवं अकादमिक अध्यापन गणित, विज्ञान, अंग्रेजी एवं कम्प्यूटर शिक्षा का ज्ञान कराया कराया जा रहा है ।
कार्यक्रम के तीसरे सप्ताह में एक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया जिसमें लड़कियों ने कला और शिल्प के माध्यम से अद्भुत रचनात्मकता दिखाई। उन्होंने हस्तनिर्मित कार्ड, ज्वालामुखी मॉडल, पर्यावरण जागरूकता पर स्किट, नृत्य प्रदर्शन तैयार किया, फन और गेम्स स्टॉल आदि लगाए। इससे उनमें आत्मविश्वास पैदा हुआ और उन्हें अपनी रचनात्मकता को बाहर निकालने में मदद मिली।
आज हम जिस भी क्षेत्र में देखे , महिलाए कंधे से कन्धा मिला कर अपना निर्धारित कार्य समर्पणता से कर रही है । बालिका सशक्तिकरण मिशन, शिक्षा से रोशनी की ओर, एनटीपीसी की एक ऐसी ही पहल है । ..