संजय सिंह
चुर्क(सोनभद्र)। आज रविवार को विश्व पर्यावरण दिवस पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट के योगी संकटमोचन द्वारा घुरमा जेल परिसर में पौधरोपण कर पर्यावरण दिवस के रूप में मनाया जाता है और इसी क्रम में पतंजलि योगपीठ सोनभद्र युवा भारत द्वारा जिला कारागार सोनभद्र में 5 जून विश्व पर्यावरण दिवस के साथ साथ आने वाले 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग
दिवस की तैयारी भी जोर शोर से चल रही है और इस बार पूरे विश्व में आठवां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाएगा इसके लिए जिला सोनभद्र जो की बहुत ही पिछड़ा क्षेत्र माना जाता है ऐसे स्थान पर आदिवासियों को लेते हुए नगर वासियों को ग्रामवासियों को तथा छोटे-छोटे कस्बों में जाकर गांव में जा जाकर योग की अलख जगाने वाले पतंजलि योगपीठ सोनभद्र के युवा भारत के जिला महामंत्री योगी संकटमोचन द्वारा और भैया जितेंद्र सिंह जी के द्वारा और बहन पूनम के द्वारा आज
जिला कारागार में बंधुओं को योगा अभ्यास कराया गया जिसमें जेल के जेलर श्री जगदंबा प्रसाद दुबे जी भी उपस्थित रहे और सैकड़ों बंधुओं ने एक साथ आने वाले अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस में जिन योगा अभ्यास ओं को करना है उस अभ्यास को आज से ही शुरू कर दिया गया ताकि आने वाले 21 जून को आठवां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस बहुत ही धूमधाम से मनाया जा सके और इसी कड़ी में जिला कारागार सोनभद्र के अधीक्षक अथवा जेल श्री जगदंबा प्रसाद दुबे जी के द्वारा और पतंजलि योग शिक्षक योगी संकट मोचन जितेंद्र जी बहन पूनम और कारागार में उपस्थित तमाम बंदियों और उसमें महिला बंदियों के साथ में वृक्षारोपण का भी कार्यक्रम किया गया और योगी संकट मोचन के द्वारा सभी बंधुओं को यह संकल्प दिलाया गया कि 5 जून ही नहीं विश्व पर्यावरण दिवस हमारे जीवन में प्रतिदिन मनाया जाना चाहिए जब भी किसी व्यक्ति का जन्म दिवस हो या किसी व्यक्ति के घर में किसी शुभ कार्य का कार्यक्रम हो उस दिन अपने घर के आंगन में अपने घर के खेत में एक पेड़ को अवश्य लगाएं और केवल उस पेड़ को लगाने मात्र से ही काम नहीं चलने वाला है उस पौधे की रक्षा तब तक हो जब तक वह वृक्ष न बन जाए। और फिर माताओं से यह निवेदन किया गया कि जैसे अपने बच्चों की परवरिश आप पालन-पोषण घरों में करती हैं उसी प्रकार से इन पौधों की परवरिश आपको करनी है और इसी के साथ कटहल के और आम के वृक्ष को लगाया गया और उन्हें प्रणाम करते हुए इस कार्यक्रम को समापन किया गया जिसमें जिला कारागार के पुरुष सिपाही और महिला सिपाहियों का भी बहुत ही सहयोग रहा।