बीजपुर, (सोनभद्र)। स्थानीय एनटीपीसी टाऊनशीप में कल्याण केन्द्र के समीप विशाल वट वृक्ष के नीचे सैकड़ों की तादाद में सुहागिन महिलाओं ने पति के दीर्घायु होने तथा संतान प्राप्ति के लिए वट वृक्ष की पूजा की। वटवृक्ष भी सनातनी धर्म के लिए पवित्र और पूजनीय वृक्ष माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि वट वृक्ष पर भगवान शिव निवास करते हैं । देवों के देव महादेव का जिस वृक्ष पर बसेरा हो उसका महत्त्व अपने आप बढ़ जाता है। एक पौराणिक कथा के
अनुसार सावित्री अपने पतिव्रता बल से अपने पति सत्यवान
को यमराज के यहां से वापस लौटा लायी थी। यह घटना वट वृक्ष के नीचे हीं हुई थी उसी दिन से वट सावित्री व्रत का प्रचलन माना जाता है। रिहंद की महिलाओं ने वट वृक्ष के नीचे वट सावित्री कथा का पाठ एवं श्रवण किया वट वृक्ष की पूजा की तथा अपने पति एवं पुत्र के दीर्घायु होने की कामना की। सोलह श्रृंगार और पारंपरिक वेशभूषा में सुहागिन महिलाओं ने लोकगीत एवं भजन- कीर्तन का गायन भी किया। मीनू लाल, ज्योति लाल एवं प्रियंका श्रीवास्तव ने लोकगीत गाकर अपने मधुर स्वर से समा बांध दिया प्रियंका श्रीवास्तव ने बताया कि हमलोग प्रत्येक वर्ष वट वृक्ष की पूजा करते हुए व्रत रहते हैं। मीनू लाल ने बताया कि इस व्रत में वट वृक्ष पर जल चढ़ाने के साथ साथ वट वृक्ष की परिक्रमा करते हुए कच्चा सूत बांधते हैं। प्रियंका ने बताया कि सनातन धर्म में पति-पत्नी का संबंध सात जन्मों का माना जाता है अन्य धर्मों के दुष्प्रभाव से पारिवारिक जीवन में विकृति आने लगी है। इसे समाज के प्रबुद्ध वर्गों के द्वारा रोका जाना चाहिए। प्रियंका और ज्योति ने बताया कि धूप-दीप नारियल और घर में बनाया गया प्रसाद भी चढ़ाया गया है। वट वृक्ष के निकट सुहागिन महिलाओं का मेला लगा रहा। छोटे छोटे बच्चों में भी उमंग और उत्साह का माहौल दिखा।