परिजनों के द्वारा तमाम प्रयासों के बावजूद भी नहीं मिला बंदी को अवकाश।
गुरमा-सोनभद्र(मोहन गुप्ता)। जिला कारागार में मुन्ना पुत्र स्व, रामनाथ निवासी अदलगंज टोला कोटिया कुछ माह पूर्व किसी अपराधिक मामले में विचाराधीन बंदी था। जिसकी पत्नी हिरामणी दो मासुम बच्चों के साथ घर पर अकेली रहती थी जिसकी 22 मई रविवार दो बजे अकास्मिक निधन हो गया। जिसकी जानकारी ग्रामीणों को होने के पश्चात प्रधान अशोक मौर्य ने महिला के परिजनों को सूचना देने के पश्चात मृतक महिला के पति को दाह-संस्कार के लिए जिलाधिकारी समेत सम्बन्धित विभागीय अधिकारियों के यहां रविवार से लेकर सोमवार दोपहर तक तमाम प्रयासों के बावजूद भी विचारधीन बंदी मुन्ना को दाह-संस्कार हेतु जेल से रिहा नहीं किया गया। इसके पश्चात दुसरे दिन सायं सोमवार को परिजनों ग्रामीणों के
सहयोग से मासुम नाबालिक बच्चे से माता को मुखाग्नि देकर अन्तिम संस्कार करा दिया गया। विचाराधीन बंदी मुन्ना अन्तिम समय में भी अपने पत्नी का दाह-संस्कार नही कर सका। उक्त सम्बन्ध जिला कारागार अधीक्षक जगदम्बा दुबे से जानकारी चाही तो उन्होंने ने बताया कि प्रार्थना पत्र जिलाधिकारी कार्यालय से मिला था लेकिन शासनादेश के तहत विचाराधीन बंदी को छुट्टी, अवकाश देने का कोई प्रावधान नहीं है।शासनादेश के तहत पत्र का जवाब दे दिया गया है।