सोनभद्र(सर्वेश श्रीवास्तव)। विश्व कल्याण हेतु अष्टसिद्ध संकट मोचन उत्तरा विमुखी बाल हनुमान जी के प्रांगण भटपुरवा में चल रहे नौ दिवसीय श्रीराम कथा के दूसरे दिन कथा व्यास श्री श्री 1008 स्वामी श्री ब्रह्मदेवाचार्य जी महाराज ने कहा कि भगवान का अवतार जब-जब धर्म की हानि होती है और असुरों की संख्या बढ़ जाती है अत्याचारी, दुराचारी, व्यभिचार पापाचारीयों की संख्या बढ़ जाती है तब तब भगवान का अवतार भारत भूमि में होता है। भारत धर्म प्रधान देश है इसलिए भगवान धर्म प्रधान देश में ही अवतार लेते हैं और अन्य किसी देशों में नहीं लेते क्योंकि और देश भोग प्रधान देश है। देवताओं के ऊपर जब विपत्ति आई देवताओं ने भगवान से प्रार्थना की भगवान ने आकाशवाणी में कहा हमारी शरणागति में आप आ गए हो तो चिंता करने की बात नहीं है। “विष्णुपदं निर्भयं” हमारे शरण में भय नाम की कोई चीज रहती ही नहीं है। इसलिए हमारे भक्तों को आनंद ही आनंद की प्राप्ति होती है ।

व्यापक ब्रह्मं निरंजन निर्गुण विगत विनोद,
सो अज प्रेम भगतिवश कौशल्या के गोद ।
व्यापक ब्रह्म परमात्मा उत्तर प्रदेश की पवित्र भूमि अयोध्या में प्रगट होते हैं और भक्तों का कल्याण करते है । दूसरे दिवस की कथा का शुभारंभ वैदिक ब्राह्मणों आचार्यों व आचार्य श्रेष्ठ पंडित कृष्णकांत देव पांडेय जी ने जगतगुरु का पूजन माल्यार्पण कर कथा का शुभारंभ कराया। इस अवसर पर सैकड़ों भक्तों ने कथा का रसास्वादन किया।
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