शिक्षा के नाम पर शोषण

मान्यता कक्षा पाँच तक एडमिशन इंटर तक!

बीजपुर (सोनभद्र) । जनपद के दक्षिणांचल स्थित आदिवासी बाहुल्य इलाके में प्राइमरी तक मान्यता लेकर निजी स्कूल संचालक गरीब आदिवासी बच्चों का एडमिशन इंटर तक कर रहे हैं। सूत्रों पर भरोसा करें तो बर्तमान समय मे कक्षा 5 तक के मान्यता पर आधा दर्जन विद्यालय इण्टर तक की खुले आम क्लास चला रहे हैं। वही एक मान्यता पर दो-दो जगह विद्यालय संचालित होने से सरकार द्वारा जारी नई शिक्षा नीति मजाक बन कर रह गयी है तो जरहा न्याय पंचायत में दर्जनभर विद्यालय बीना मान्यता के कक्षा एक से आठ तक पढ़ाई के नाम पर धन उगाही में ब्यस्त हैं। बताया जाता है कि शिक्षा के नाम पर यह गोरखधंधा अकेले विद्यालय प्रबन्धन नही बल्कि विभागीय संरक्षण के कारण लम्बे समय से फल फूल रहा है। गौरतलब हो कि दुद्धी तहसील क्षेत्र के म्योरपुर और बभनी ब्लाक अंतर्गत पड़ने वाले आदिवासी बनवासी गरीब बच्चे स्थानीय स्तर पर चुनिंदा विद्यालयों में फार्म जमा कर इण्टर की पढ़ाई करने के लिए मजबूर हैं ।बदले में भारी भरकम फीस और अन्य सरचार्च अलग से लिया जाता है। क्षेत्र के पुनर्वास में तो सरकारी स्कूल के परिसर में वर्षो से संचालित बिना मान्यता इण्टर तक की पढ़ाई और पास कराने के नाम पर वसूल की जा रही मोटी फीस को लेकर कई बार विवाद हो चुका है लेकिन उसमें पढ़ा रहे दर्जन भर अप्रशिक्षित टीचरों के रोजी रोटी का हवाला देकर कर्ताधर्ता शिक्षण संस्थान बन्द करने से कतराते रहे। सूत्रों पर भरोसा करें तो नवागत खण्ड शिक्षा अधिकारी म्योरपुर के कड़े रुख और निर्देश के बाद कम्पोजिट विद्यालय बीजपुर के प्रधानाध्यापक ने परिसर में संचालित अवैध विद्यालय को तत्काल बन्द कर परिसर को खाली करने की नोटिश पकड़ा देने से टीचरों में ख़लबली मची हुई है वहीं इण्टर तक पढ़ाई कर रहे लगभग चार सौ बच्चों में हड़कम्प मचा हुआ है। खण्ड शिक्षा अधिकारी म्योरपुर विश्वजीत कुमार ने कहा कि जरहा क्षेत्र में 35 विद्यालय अबैध चिन्हित हुए है जल्द इनको नोटिस भेज एक साथ बन्द कराने की करवाई की जा रही है।

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