घर से बाहर निकलना हुआ दूभर
सोनभद्र(सर्वेश श्रीवास्तव/ज्ञानदास कन्नौजिया)। भाष्करानंद के प्रचंड ज्वाला से आम जनजीवन बेहाल हो गया है। सूरज के तेवर और तीखे होते जा रहे हैं। आसमान से बरस रही आग की वजह से लोगों का घर से बाहर निकलना भी दूभर हो गया है। दोपहर में सड़के सूनी नजर आ रही हैं। यदि कोई व्यक्ति किसी जरूरी काम से घर से बाहर निकल भी रहा है तो वे अपना मुंह गमछा से ढक कर। तीखी धूप के कारण लोगों का चेहरा मुरझा जा रहा है। बताते चलें कि तापमान में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। धूप व लू का असर इस कदर हो रहा है कि घर से बाहर निकलते ही लोग मुरझा जा रहे हैं।
मौसम ने तापमान की रफ्तार को अपने चपेट में ले लिया है। तेज गर्म हवाओं के साथ मानो आग की लपटें निकल रही हो। सुबह 10:00 बजते -बजते लू के झकोरो से लोग झुलसने लगते हैं। दोपहर में सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहता है। जो लोग किसी आवश्यक काम से घर से बाहर मजबूरन निकल भी रहे हैं वह सिर व मुंह को गमछा आदि से ढक कर। ऐसे में महिलाओं, बच्चों और बड़ों की जहां शामत आ गई है वहीं दूसरी ओर पेट के लिए छोटे-छोटे धंधे करने वाले इस भयंकर दुपहरिया में काम करने के लिए मजबूर हैं। आम जनमानस व पशु- पक्षी क्रमशः अपने घरों व पेड़ों की छाया में तो शरण ले ले रहे हैं, परंतु दिहाड़ी पर काम करने वाले इन श्रमिकों के लिए गर्मी व लू काल बनकर टूट रही है। लू के चपेट में आकर तमाम लोग बीमार भी हो जा रहे हैं। कभी- कभार आसमान में बादलों की उपस्थिति तो जरूर हो रही है, किंतु वह तपन से राहत नहीं दे पा रही है। जिले में पारा 46 डिग्री सेल्सियस के पार चले जाने से आम जनजीवन व्याकुल हो उठा है। गर्मी और उमस से सभी बेचैन हो जा रहे हैं। इसी बीच बिजली की आंख मिचौली भी कोढ़ में खाज साबित हो रही है। तापमान का शितम अपने शबाप पर है। घर से बाहर निकलने में लोग कतराते हैं। कुल मिलाकर आसमान से आग का शोला बरस रहा है। दिन में तो लोग बेहाल हो ही रहे है रात में भी उन्हें चैन नहीं मिलता। कुल मिलाकर सूर्य की किरण लोगों की देह बेधने लग रही है। इसकी वजह से जनजीवन परेशान है।