अतीत के आईने में
……………………..
सत्ता पत्रकारों के प्रति निरंकुश रहती है : भोलानाथ
सोनभद्र । जनपद के वरिष्ठ पत्रकार भोलानाथ मिश्र ने सोमवार को पत्रकारों पर हो रहे उत्पीड़न को दुर्भाग्य पूर्ण बताते हुए 2 साल पूर्व की घटनाओं का जिक्र किया । उन्होंने कहा देवर्षि नारद जी से शुरू हुई पत्रकारित 2020 के मई माह में किस मुकाम तक सफ़र की थी इसे बताने की ज़रूरत नहीं है । गणेश शंकर विद्यार्थी से लगायत सुधीर चौधरी तक को किन-किन मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है यह सब आप जानते हैं । रिपब्लिक टीवी के प्रस्तोता, प्रबन्ध सम्पादक
अर्णव गोश्वामी के विरुद्ध प्राथमिकी महाराष्ट्र में । जी न्यूज के एडिटर इन चीफ सुधीर चौधरी के खिलाफ केरल में प्राथमिकी किस अभिव्यक्ति की आज़ादी को रेखांकित कर रही थी।
भोलानाथ मिश्र का मानना है कि वे लोग जो इस गम्भीरता पर चुप हैं और इसे अनदेखा कर रहे हैं, उनके लिए राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की ए पंक्तियां उचित जान पड़ती हैं….!
यह मत समझो कालचक्र का , दोषी केवल व्याघ्र ,
जो तटस्थ हैं , समय गिनेगा, उनका भी अपराध ।
पत्रकार एवं शिक्षाविद भोला नाथ जी कहते हैं सोनभद्र में मेरी जानकारी में तक़रीबन एक दर्ज़न पत्रकारों के ख़िलाफ़ मामला खूब चर्चाओं में रहा है । उन्होंने स्वयं की जिक्र करते हुए कहा जब मैं ‘आज’ में था एक सूचना अधिकारी ने लिखित शिकायत जिलाधिकारी , जिला विद्यालय निरीक्षक ,हमारे प्रिंसिपल आदि से की थी । डीएम जाँच कराए । यह स्वीकार करने में कोई हर्ज़ भी नहीं है कि जिलाधिकारी डाँट डपट कर सूचना अधिकारी से मामला वापस कराए थे । उन्होंने आगे कहा अन्य पत्रकारों का नाम जान बूझकर नहीं ले रहा हूँ ।क्योंकि किस पर क्या प्रभाव पड़ेगा मैं नहीं जानता । यह एक दम जरूरी नहीं है कि हम किसी के विचारों से सहमत हों लेकिन किसी के अलग विचार के कारण प्रताड़ित करना सही नही है । पत्रकार एवं कवि कामरेड एम ए खां की सन 1970 के दशक में कही गई कुछ पंक्तियों से अपनी बात को विराम देता हूँ ,…सेठ का कुत्ता अगर बीमार है , पत्रकारों की कलम तैयार है। जुल्म की आंधी अगर चल जाएगी , यह ख़बर हर्गिज़ नहीं छप पाएगी ।
आज 2022 में सोनभद्र समेत अन्य जनपदों में पत्रकारों के खिलाफ उत्पीड़न की कार्रवाई हो रही है । राष्ट्रीय स्तर की पत्रकारों की संस्था मीडिया फोरम ऑफ इंडिया न्यास के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष मिथिलेश प्रसाद द्विवेदी के मार्गदर्शन एवं प्रदेश अध्यक्ष चंद्रमणि शुक्ल के नेतृत्व में संगठन के जिला अध्यक्ष सर्वेश श्रीवास्तव , पत्रकार राजेंद्र कुमार मानव, राकेश शरण मिश्र , राजेश द्विवेदी, पंकज देव पांडेय, प्रभात सिंह चंदेल , ज्ञानदास कनौजिया , रामजी दुबे आदि ने केंद्र एवं प्रदेश सरकार से मांग की है कि पत्रकारों के उत्पीड़न की बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए पत्रकार सुरक्षा कानून बनाकर प्रभावी उपाय करें ।