आजमगढ़। संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के वर्तमान अध्यक्ष अब्दुल्ला शाहिद ने संयुक्त राष्ट्र के ट्रस्टीशिप चैंबर (न्यूयॉर्क) में एक इंटर एक्टिव इनफॉर्मल डायलॉग का आयोजन 5 मई को किया है।
जिसमें नए अध्यक्ष के लिए नॉमित राजदूत कोरोसी कासाबा दुनिया के विशिष्ट लोगों से संवाद स्थापित करेंगे और अपनी संयुक्त राष्ट्र के प्रति प्रतिबद्धता दर्ज़ करेंगे।
इस इंटरएक्टिव इनफॉर्मल डायलॉग में प्रतिभागिता हेतु भारत गणराज्य के महामहिम राष्ट्रपति के पूर्व ओएसडी डॉ. कन्हैया त्रिपाठी को चयनित किया गया है जो डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय के यूजीसी-एचआरडीसी में बतौर वरिष्ठ सहायक प्रोफ़ेसर और डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय अयोध्या में एडजन्क्ट प्रोफ़ेसर के रूप में कार्यरत हैं।
डॉ. कन्हैया त्रिपाठी ने बताया कि इस सन्दर्भ में संयुक्त राष्ट्र नॉन-गवर्नमेंटल लाइजन सर्विस की ओर से भेजे गए एक मेल में यह कहा गया है कि हमें आपको यह सूचित करते हुए प्रसन्नता हो रही है कि आपके द्वारा प्रस्तुत परिप्रेक्ष्य को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 77वें सत्र के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार के साथ महासभा के अनौपचारिक संवाद में शामिल करने के लिए चुना गया है।
उन्होंने कहा कि यह निःसंदेह मेंरे लिए ख़ुशी की बात है कि मुझे इस महत्त्वपूर्ण कार्यक्रम का हिस्सा बनने का सौभाग्य प्राप्त हो रहा है। इस सन्दर्भ में डॉ. कन्हैया त्रिपाठी ने बताया कि कार्यक्रम में सम्मिलित होने के लिए आवश्यक रिकार्डिंग आज ईएमएमआरसी द्वारा संपन्न करा ली गई है जिसे संयुक्त राष्ट्र महासभा में प्रस्तुत होगी। डॉ. कन्हैया त्रिपाठी ने कहा कि इस महत्त्वपूर्ण यूएन-इंटरएक्टिव इनफॉर्मल डायलॉग के लिए तैयार किए गए ऑडियो-वीडियो हेतु ईएमएमआरसी के निदेशक डॉ. पंकज तिवारी और उनके स्टॉफ का मैं आभारी हूँ।
मानव अधिकार पर अनेकों पुस्तकों के सृजनकर्ता डॉ. कन्हैया त्रिपाठी महेशपुर महराजगंज जनपद आज़मगढ़ के रहने वाले हैं इनके पिता सीताराम त्रिपाठी पोस्टमैन के पद पर कार्यरत रहे एवं श्रीमती प्रेमा त्रिपाठी के सुपुत्र हैं प्रेमा त्रिपाठी घर पर रह कर घर गृहस्थी का कार्य भार देखती। उन्होंने कई ऐतिहासिक कार्य अपनी छोटी सी उम्र में किया है। इसी क्रम में उन्हें संयुक्त राष्ट्र महासभा में भी अपनी उपस्थिति दर्ज करने का मौका मिला है जो कि आज़मगढ़ के लिए गर्व की बात है। वह स्वयं संयुक्त राष्ट्र के नए चुने जाने वाले अध्यक्ष से मुखातिब होंगे और विश्व के लिए अहिंसक समाज की स्थापना की पहल करेंगे।