जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी व बेसिक शिक्षा अधिकारी को भेजा पत्र
कोन-सोनभद्र(नवीन चंद)। योगी 2 की सरकार बनते ही भ्र्ष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए सरकार द्वारा तरह-तरह के नए प्रयोग किये जा रहे है। वही जिला भ्रमण पर आये मंत्री ने बेसिक शिक्षा विभाग कार्य गुजारी पर लगाम लगाने के लिए भी निर्देश दिया था। लेकिन जनपद से दूर झारखण्ड बार्डर पर शिक्षा विभाग के अधिकारियों को जरा भी योगी 2 सरकार के निर्देश का पालन करते नजर नही आ रहा है। पंचायती राज संगठन के जिलाध्यक्ष व ग्राम प्रधान नक्तवार लक्ष्मी कुमार जायसवाल ने कोन ब्लाक में तैनात सहायक बेसिक शिक्षा
अधिकारी व उनके अधिनस्त कार्यरत शिक्षक पर वसूली का आरोप लगाकर विभाग की पोल खोल दिया। जिलाध्यक्ष द्वारा जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी व बेसिक शिक्षा अधिकारी को भेजे पत्र में लिखा है कि पूर्व में शिक्षा व्यवस्ता को सुधारने व शिक्षक को समय पर विद्यालय न आकर घर या अन्यत्र बाहर रहकर फर्जी हाजरी बना कर मोटी तनख्वाह उठा रहे है जिसका सबूत के साथ जिलाध्यक्ष ने विभाग को लिखित जानकारी दी थी लेकिन कोई कार्यवाही नही हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि हमारी या किसी जनप्रतिनिधियों की शिकायत सहायक बेसिक शिक्षा अधिकारी कोन को दी जाती है तो जांच कर कार्यवाही की कोरम पूरा किया जाता है और अपने अधिनस्त कार्यरत शिक्षको को भेज कर दो हजार से 10 हजार रुपये की वसूली किया जा रहा है वही उन्होंने कहा कि हर स्कुलो में छात्रों की संख्या के हिसाब से मिड-डे-मिल, खेलकूद सामग्री, स्कूल रँगाई पोताई के बड़े पैमाने पर धन आया है उसमें भी अधिकारी को मिली भगत से धन का बंदरबाट किया जा रहा है जिससे उक्त अधिकारी के खिलाफ जांच कर उचित कार्यवाही की मांग की है। वही इस सम्बंध में सहायक बेसिक शिक्षा अधिकारी देवमणि पांडे ने बताया कि इस सम्बंध में उक्त पत्र पर जांच किया गया था उनका आरोप बेबुनियाद है।