रामजियावन गुप्ता/बीजपुर(सोनभद्र) डीएवी पब्लिक स्कूल, एनटीपीसी, रिहंदनगर में बड़े हीं उत्साह एवं उमंग के साथ बाबा साहब, बोद्धिसत्व, संविधान निर्माता, देशरत्न, डॉ भीमराव अंबेडकर जी की एक सौ इकतीसवीं जयंती मनायी गई। इस अवसर पर सर्वप्रथम बाबा साहब की तस्वीर पर विद्यालय के प्राचार्य श्री राजकुमार ने माल्यार्पण किया। तत्पश्चात डॉ आर के झा एवं डॉ राजेश कुमार श्रीवास्तव ने भी बाबा साहब की तस्वीर पर माल्यार्पण किया। अंग्रेजी के शिक्षक डी सी शुक्ला , सौरभ कुमार एवं ब्रजेश राजभर के साथ- साथ कार्यक्रम में उपस्थित सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं, कर्मचारियों एवं विद्यार्थियों ने पुष्पांजलि अर्पित कर बाबा साहब को नमन किया। इस अवसर पर अपने संबोधन में प्राचार्य श्री राजकुमार ने बताया कि भारत के संविधान के निर्माण में बाबा साहब का योगदान अभूतपूर्व है। संविधान सभा के प्रारूप समिति के अध्यक्ष की हैसियत से गरीबों, पिछड़ों एवं दलितों के उत्थान एवं सामाजिक न्याय के लिए उनके प्रयास जगजाहिर हैं। बाबा साहब अंग्रेजी शासन के दौरान भी सामाजिक न्याय के लिए हमेशा संघर्षरत रहे। उनकी विद्वता, देश के प्रति निष्ठा एवं देशभक्ति को हमेशा याद किया जाएगा। भारतीय संस्कृति और विरासत के प्रति अटूट श्रद्धा के कारण हीं बाबा साहब ने बौद्ध धर्म स्वीकार किया था। डॉ आर के झा ने प्रथम कानून एवं न्याय मंत्री के रूप में बाबा साहब के योगदान की चर्चा की। उन्होंने उनको महान कानून विद् बताया। छात्रों की ओर से निलेश, नीतेश, मधुकर शाही एवं प्रशांत शाही ने बाबा साहब की विद्वता और संविधान निर्माण में उनके अभूतपूर्व योगदान पर प्रकाश डालते हुए उन्हें नमन किया। आज के कार्यक्रम का संचालन करते हुए जीव विज्ञान के प्रवक्ता डॉ राजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि बाबा साहब बड़ौदा और कोल्हापुर के महाराजा के आर्थिक सहयोग से अमेरिका के “कोलंबिया विश्वविद्यालय” और इंग्लैंड के “लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स” से पढ़ाई की थी। वो एक महान अर्थशास्त्री भी थे। उनके द्वारा लिखित ” द प्रब्लेम आफ द रूपी” और “द इवोल्यूशन आफ प्रोविंशियल फाइनेंस इन ब्रिटिश इंडिया” प्रसिद्ध शोध पत्र है। उन्होंने आगे बताया कि बाबा साहब ने 1930 में “दमित वर्ग एसोसिएशन” की स्थापना कर अंग्रेजी जमाने में भी सामाजिक न्याय के लिए व्यापक संघर्ष किया था, जिसकी परिणति पुणा पैक्ट के दौरान देखने को मिला। बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर सच्चे भारतीय थे। सम्पूर्ण भारतवर्ष के कल्याण और समृद्धि के लिए उनका अमूल्य योगदान है। कार्यक्रम में उपस्थित सभी शिक्षक शिक्षिकाओं एवं विद्यार्थियों ने उन्हें शत-शत नमन किया।