ओम प्रकाश रावत विंढमगंज
विंढमगंज सोनभद्र झारखंड राज्य के गढ़वा रोड जंक्शन व चोपन जंक्शन तक बीते 2 वर्षों से लगातार रेल दोहरीकरण के कार्य के दौरान पखवाड़े भर पूर्व विंढमगंज रेलवे दोहरीकरण के दौरान निकाल कर रखे गये खराब रेलवे लाइन की पटरियों को उड़ाए गए लाखों के माल पकड़े जाने और उसके बाद स्थानीय स्तर पर हुई जांच में सामने आए खुलासे ने रेलवे प्रशासन में हड़कंप की स्थिति पैदा कर दी है। इसकी उच्चस्तरीय जांच शुरू हो गई है। इसी कड़ी में आरपीएफ के आईजी मंयक श्रीवास्तव आज (बुधवार) को दोपहर बाद विंढमगंज पहुंचे तो

रेलवे के लोगों में हड़कंप मच गया। उन्होंने विंढमगंज स्थित रेलवे पटरियां जिस स्थान से गायब किया गया था का जायजा लेने के साथ ही रेलवे-आरपीएफ के लोगों और घटनास्थल के इर्द-गिर्द, चाय-पान की दुकान करने वाले दुकानदार जो प्रत्यक्षदर्शी थे उन से पूछताछ कर जरूरी जानकारी जुटाई। जांच के दौरान क्या सामने आया? यह विवेचना का विषय बताते हुए किसी टिप्पणी से इंकार कर दिया। बता दें कि गत चार मार्च को आरपीएफ के असिस्टेंट कमांडेंट अरुण कुमार को सूचना मिली थी कि कुछ विभागीय लोगों की मिलीभगत से

विंढमगंज रेलवे स्टेशन के नजदीक रेल दोहरीकरण के दौरान खराब निकले हुए रेलवे लाइन की पटरीयों को दो ट्रक माल गायब कर दिया गया है। मिली सूचना के आधार पर माल लेकर जा रहे ट्रकों का लोकेशन तलाशा गया और धनबाद डिवीजन की आरपीएफ और लखनऊ के आरपीएफ टीम के संयुक्त प्रयास से दोनों ट्रक पकड़ लिए गए। ट्रक चालकों से पूछताछ में इंचार्ज अशोक कुमार सिन्हा का नाम सामने आया हाजी फल कानूनी कार्रवाई भी की जा चुकी है। आज उक्त अधिकारियों के दौड़ा होने से पूरे रेलवे स्टेशन परिसर में चाय पान की दुकान समेत ग्रामीणों में इस बात का कौतूहल रहा कि रेलवे के माल गायब करने का मामला अब तूल पकड़ लिया है किसी भी सूरत में माल गायब करने वाले लोगों को रेलवे प्रशासन अब नहीं छोड़ेगी।
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