- 70 हजार रुपये अर्थदंड, न देने पर एक वर्ष की अतिरिक्त कैद
- 4 वर्ष पूर्व कुल्हाड़ी से गला काटकर श्री किसुन की हुई थी हत्या
- दो महिलाओं पर भी जान मारने की नियत से कुल्हाड़ी से किया था प्रहार
- अर्थदंड की आधी धनराशि मृतक की पत्नी को मिलेगा
सोनभद्र। चार वर्ष पूर्व कुल्हाड़ी से गला काटकर श्री किसुन की हुई नृसंश हत्या के मामले में बुधवार को सुनवाई करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम खलीकुज्ज्मा की अदालत ने दोषसिद्ध पाकर दोषी रामस्वरूप को उम्रकैद एवं 70 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर एक वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वहीं मृतक की पत्नी को अर्थदंड की आधी धनराशि दी जाएगी।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक 20 अक्तूबर 2017 को दुद्धी कोतवाली में दी तहरीर में कोरगी निवासी देवी किसुन ने आरोप लगाया था कि उसका भाई श्री किसुन 18 अक्तूबर 2017 को अपनी लड़की के घर आरंगपानी गांव छठी में गया था। 20 अक्तूबर 2017 को अपनी मौसेरी सास फुलवासी देवी के घर गोहड़ा सुबह 8 बजे चला गया। वहां पर खाना खाकर छप्पर में सो रहा था। गोहड़ा गांव निवासी रामस्वरूप पुत्र नान्हू राम अपनी लड़की की शादी की बात को लेकर फुलवासी देवी से रंजिश रखता था। उसी रंजिश के कारण दोपहर 12:30 बजे जब भाई श्री किसुन चारपाई पर सो रहा था कुल्हाड़ी लेकर आए रामस्वरूप ने भाई के गर्दन पर वार कर दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। इतना ही नहीं घर मे मौजूद उषा देवी एवं इनकुंवर को भी जान से मारने की नीयत से कुल्हाड़ी से गले पर वार कर दिया। जिनका इलाज दुद्धी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चल रहा है। इस घटना को घर पर मौजूद फुलवासी देवी व उनका लड़का जीत नारायण ने देखा। लेकिन भयवश कुछ नहीं बोला, बल्कि छिप गया था। भाई का शव पड़ा है आवश्यक कार्रवाई करें। इस तहरीर पर रामस्वरूप के विरुद्ध हत्या एवं हत्या का प्रयास की एफआईआर दर्ज की गई। पुलिस ने मामले की विवेचना किया और पर्याप्त सबूत मिलने पर विवेचक ने न्यायालय में रामस्वरूप के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल किया। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी रामस्वरूप को उम्रकैद एवं 70 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर एक वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी वहीं अर्थदंड की आधी धनराशि मृतक की पत्नी को मिलेगी। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी अपर जिला शासकीय अधिवक्ता कुंवर वीर प्रताप सिंह ने की।