श्रीमती प्रियंका गांधी वाड्रा के ‘‘लड़की हूं लड़ सकती हूं’’ नारे के साथ दिखा बेटियों का भरोसा
जोश, जुनून और जज्बे के साथ दौड़ी बेटियां
कांग्रेस के प्रत्येक कार्यक्रम में रूकावट डालने का षणयंत्र करती है योगी सरकार
स्टेडियम के अन्दर कार्यक्रम करने की नहीं दी इजाजत, बड़ा मंच लगाने की भी नहीं दी अनुमति
लखनऊ ।लखनऊ के इकाना स्टेडियम में ‘‘लड़की हूं लड़ सकती हूं’’ लखनऊ मैराथन में लडकियों की अथाह भीड़ उमड़ी। तय लक्ष्यों से दुगनी लगभग 20000 की तादाद में जुटी बेटियों ने 26 दिसम्बर 2021 को 1090 चौराहे पर दोहरे मापदंड़ों के आधार पर रोकी गयी मैराथन के प्रति ललकार दिखाई। लखनऊ की बेटियों ने बताया कि नकारात्मक राजनीति एवं सरकार के दम पर षणयंत्र उन्हें स्वीकार नहीं है। तमाम अवरोधों के बावजूद लड़कियों की ऐतिहासिक भागीदारी ने श्रीमती प्रियंका गांधी वाड्रा के लोकप्रिय नारे ‘‘लड़की हूं लड़ सकती हूं’’ के साथ उनके जुड़ाव एवं लगाव पर मुहर लगा दी।उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता डा0 उमा शंकर पाण्डेय ने बताया आज कांग्रेस पार्टी का स्थापना दिवस के ऐतिहासिक अवसर पर हिमाचल प्रदेश कांग्रेस प्रभारी श्री राजीव शुक्ला ने झंडा दिखाकर मैराथन का आरम्भ किया। उनके साथ उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री अजय कुमार लल्लू एवं भारतीय युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बीवी श्रीनिवास जी भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय सचिव श्री धीरज गुर्जर एवं श्री तौकीर आलम ने बेटियों का उत्साहवर्धन किया। स्टेडियम चारों तरफ लड़कियों की उपस्थिती से खचाखच भर गया। मैराथन की झण्डी मिलते ही लड़कियां लक्ष्य की तरफ दौड़ पड़ी। हजारों की संख्या में लड़कियां टैªक पर जोश और जुनून से प्रतिस्पर्धा करते हुए आगे बढ़ते हुए 5 किलोमीटर की दूरी पूरी की। मैराथन को पारदर्शी बनाने एवं सुचारू रूप से संचालित व सम्पन्न कराने के लिए विभिन्न प्रकार के निगरानी, एवं सुरक्षा के उपाय किये गये थे। ड्रोन कैमरों से मैराथन पर नजर रखी जा रही थी।प्रवक्ता ने कहा कि लखनऊ मैराथन को धारा 144 और कोविड का हवाला देकर निरस्त करने का प्रयास किया गया था। यह बेटियों के विरूद्ध योगी सरकार का कुचक्र था। 1090 चौराहे पर कार्यक्रम की निरस्तीकरण के बाद इकाना स्टेडियम में भी कार्यक्रम में अवरोध उत्पन्न करने की भरपूर कोशिश की गयी। स्टेडियम के अन्दर कार्यक्रम करने की इजाजत नहीं दी गयी। स्टेडियम के बाहर कार्यक्रम करने को विवश किया गया। कार्यक्रम स्थल पर आयोजन के अनुरूप बड़ा मंच बनाने की मनाही की गयी। जबकि इसी स्टेडियम में 25 दिसम्बर को योगी सरकार ने टैबलेट बांटने के नाम पर जमावड़ा किया था। यह योगी सरकार का दोहरा मापदंड दर्शाता है। सरकार के कुचक्रों के बावजूद बेटियों की ऐतिहासिक जुटान ने योगी सरकार को भरपूर जवाब देते हुए बौना साबित कर दिया है।प्रवक्ता ने कहा कि मेरठ, झांसी, मुरादाबाद, में मैराथन की अदभुद सफलता के बाद आज लखनऊ में भी कार्यक्रम ऐतिहासिक स्तर पर सफल रहा। राष्ट्रीय महासचिव श्रीमती प्रियंका गांधी वाड्रा ने उत्तर प्रदेश में महिलाओं को सशक्त बनाने हेतु प्रतिज्ञायें ली हैं तथा लड़कियों के लड़ने के जज्बे को मैराथन के माध्यम से सामने लाने का प्रयास कर रहीं हैं। उनके इस प्रयास और नारे के साथ प्रदेश की बेटियों का भरोसा लगातार दिख रहा है। चुनावी साल में बौखलाई हुई योगी सरकार इस कार्यक्रम को रोकने की भरपूर कोशिश कर रही है। तमाम अडचन डाल कर बेटियों को दौड़ने से रोकना चाह रही है। मैराथन को बदनाम करने का प्रयास भी कर रही है। लड़कियों ने योगी सरकार की इस नकारात्मक राजनीति को नकार दिया है।