दुद्धी-सोनभद्र(समर जायसवाल)- श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी मुम्बई से आये अनंत श्री विभूषित महामंडलेश्वर स्वामी चिदम्बरानंद सरवस्ती जी महाराज का आज शाम क़स्बे में आगमन हुआ , श्रद्धालुओ ने कस्बा आगमन पर स्वामी जी माल्यार्पण कर गर्मजोशी के स्वागत के साथ फूलमालाओं से किया। स्वामी चिदम्बरानन्द सर्व प्रथम कस्बा आगमन से पहले हिरेश्वर मंदिर में भगवान शिव का पूजन अर्चन किया इसके बाद वहां से रथ पर सवार होकर नगर आगमन हुआ स्वामी जी अपने अनुयायियों के साथ माँ काली मंदिर पहुँचे जहाँ माँ काली पूजन अर्चन किया। स्वामी ने श्रद्धालुओं को आशीर्वचनों में कहा कि मुझे आने का पहली बार अवसर मिला जिसका श्रेय चंद्रकांत त्रिपाठी जी को जाता है, मैं वाराणसी में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के उद्घाटन में आया था कि मुझे यहां आने का आमंत्रण दिया गया यहाँ आकर मुझे अच्छा लगा, उन्होंने कहा कि जीवन मे धन कमा सकते है लेकिन शांति नही मिलती ,शांति तभी मिलेगी जब एक संत के सानिध्य में आते है, परमात्मा से मिलाने में संत एक महत्वपूर्ण कड़ी होता है ,कहा कि जीवन में दुखो का कारण अज्ञानता है ,अज्ञानता को दूर सत्संग से किया जा सकता है। जीवन का सार यही है कि आप कथा प्रवचन से जुड़े आपकी की श्रद्धा को देखकर बहुत अच्छा लगा। यहां राष्ट्रीय सेवक संघ के कार्यकर्ता मौजूद है ,कहा कि जहां संघ है वहां राष्ट्र प्रेम अवश्य होता है ,सनातन धर्म ने ही कहा कि सर्वे भवन्तु सुखिनः ,सर्वे भवन्तु निरामयाः।। इसका भाव यह है कि इस धरा पर जो भी जन्म लिया है सभी का कल्याण हो। लेकिन इस धरा पर कुछ दुराचारियों ने खण्डन करने का प्रयास किया, इसलिए धर्म की मजबूती के लिए हम सब को एक होना पड़ेगा भगवान 14 वर्षों तक वन में रहे और आदिवासियों के बीच रहे और यह क्षेत्र भी आदिवासियों बाहुल्य है यहां आकर अच्छा लगा धन का खर्च परोपकार के लिए करना चाहिए जीवन में नाम को महत्व नहीं देना है हमें राम को महत्व देना है। इसके बाद स्वामी जी रथ पर सवार होकर श्री पंचदेव मंदिर पहुँचे जहाँ श्रद्धालुओं ने उनका भव्य स्वागत किया ,स्वामी ने श्री पंचदेव मंदिर में भी पूजन अर्चन किया यहां पर भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने स्वामी जी को माल्यार्पण कर स्वामी जी के श्री चरणों को स्पर्श कर आशीर्वाद लिया। स्वामी ने प्रवचन देकर श्रद्धालुओ को अभिभूत किया इसके उपरांत स्वामी जी ने शिवाजी तालाब का भ्रमण किया। इस मौके पर भोला बाबु आढ़ती , दिनेश अग्रहरी, राम दुलार सिंह गोंड, डॉ गणेश सिंह, विनोद जायसवाल, नन्दलाल अग्रहरी, संदीप गुप्ता, अभय सिंह, विवेक सांडिल्य , कुलभूषण पाण्डे , उदय सिंह , मिश्रीलाल अग्रहरी, अरुणोदय जौहरी , श्याम नारायण आढ़ती , शत्रुध्न सिंह , प्रेमचंद्र यादव , शान्तनु सिंह ,भिरगू गुप्ता ,विंध्यवासिनी प्रसाद के साथ काफी संख्या में लोग मौजूद रहे, संचालन मनोज मिश्रा ने किया।