मोहन गुप्ता
गुरमा-सोनभद्र- सदर विकास खण्ड क्षेत्र के अन्तर्गत सलखन गौवंश आश्रय स्थल पर लावारिस पशुओं की समुचित देखभाल जिम्मेदारी के साथ पशुओं की शुद्ध आहार चिकित्सा के अभाव में 43 पशुओं ने दम तोड़ दिया है। उक्त सम्बन्ध में ग्रामीणों ने बताया कि गौवंश आश्रय स्थल को देखभाल के लिए दो लोग रखें गये है। जो लावारिस पशुओं के प्रति सिर्फ अपनी औपचारिकता पूरी करते हैं। इन दिनों पशुओं के आहार में धान की कुट्टी खिलाया जा रहा है। कुछ पशु बीमार है जो खुला गौशाला होने के कारण पशु एक दुसरे पशुओं से लड़ कर चोटिल होते रहते हैं। इस सम्बन्ध में गौशाला का देखभाल करने वाला जगजीवन ने बताया कि गौशाला में अब तक 43 पशु मर चुके हैं एक बीमार हालत में है जो मरने वाला है। हमारे गौशाला में इस समय 50 पशु है 10 लावारिस पशु और आये है जिनका डाक्टर के व्दारा अभी तक रिजिस्टर में इन्ट्री नहीं किया गया है जो पशुओं की हाल बेहाल है। उक्त सम्बन्ध में पशु डाक्टर सतीश ने बताया कि गौवंश आश्रय स्थल सलखन में सन् 2019 जून माह में खोला गया है। जो लावारिस हालत में चोटिल पशु बीमार, सड़क दुघर्टना में घायल इत्यादि अवस्था में इलाज के दौरान 43 पशुओं ने दम तोड़ चुके हैं। खुला गौशाला होने के कारण पशुओं को बांधा नहीं जाता खुले पशु आपस में लड़ने से भी चोटिल हो कर घायल होते रहते हैं। जिनका समुचित देखभाल के साथ इलाज किया जाता है।