मण्डलायुक्त ने मण्डल के होटल, रेस्टोरेंट, ढाबा, नमकीन निर्माताओं का प्रतिदिन उपभोग किये जाने वाले खाद्य तेल की मात्रा की जांच के दिए निर्देश
कार्यों में लापरवाही एवं उदासीनता बरतने वाले अधिकारियों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई करने के दिए निर्देश
प्रयागराज मण्डलायुक्त संजय गोयल की अध्यक्षता में शुक्रवार को गांधी सभागार में खाद्य सुरक्षा एवं औषधी प्रशासन विभाग के खाद्य अनुभाग की मण्डल स्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित की गयी। बैठक में सहायक आयुक्त(खाद्य) के द्वारा वित्तीय वर्ष 2021-22 के माह नवम्बर तक की कृत कार्यवाही का प्रस्तुतीकरण मण्डलायुक्त के समक्ष किया गया। मण्डलायुक्त ने रियूज्ड कुकिंग आॅयल के बारे में विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने जानकारी ली कि कुल कितना खाद्य तेल( दो बार से ज्यादा प्रयोग होने के बाद) माह में एकत्र किया गया है तथा कितने खाद्य प्रतिष्ठानों का डीडीएम-24 उपकरण द्वारा उपभोग किये जा रहे खाद्य तेल की टीपीएल की जांच की गयी। क्योंकि दो से तीन बार खाद्य पदार्थ को खाद्य तेल में फ्राई करने के बाद उस खाद्य तेल की टीपीसी यदि 25 प्रतिशत से ज्यादा आती है, तो वह खाने योग्य नहीं रह जाता है। ऐसे अवशेष खाद्य तेल से बायो डीजल बनाये जाने की प्रक्रिया जनपद में प्रारम्भ कर दी गयी है। माह नवम्बर में कुल 1366 लीटर यूज्ड कुकिंग आयल बायोडीजल बनाने वाली कम्पनियों ने जनपद से उठाया है। कुल 64 खाद्य प्रतिष्ठान इसमें सम्मिलित है। 25 ली0 से ऊपर खाद्य तेल उपयोग करने वाले मात्र 24 खाद्य प्रतिष्ठानों की रिपोर्ट पर जनपद के मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी से जानकारी ली गयी। यह संख्या कम है। मण्डलायुक्त ने विभाग को 15 जनवरी तक कार्य में प्रगतिल लाये जाने का निर्देश दिया है। मण्डल के शेष जनपदों में कोई कार्यवाही न होने पर उनके विभागीय अधिकारियों को कड़ी फटकार लगायी गयी। इसकी परिधि में मण्डल के समस्त होटल, रेस्टोरेंट, ढाबा, नमकीन निर्माताओं का प्रतिदिन उपभोग किये जाने वाले खाद्य तेल की मात्रा एवं उनकी जांच का मण्डलायुक्त ने आदेश दिया। सहायक आयुक्त खाद्य ने बताया कि मात्र 07 प्रतिष्ठानों द्वारा अवशेष से ज्यादा यूज्ड कुकिंग आॅयल दिया गया है, शेष संतोष जनक नहीं है। खराब खाद्य तेल से स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है।
एफ0एस0एस0ए0आई0 भारत सरकार द्वारा चलाये जा रहे अभिनव कार्यक्रमों की समीक्षा पर मण्डलायुक्त ने जनपद प्रयागराज में मात्र 05 खाद्य प्रतिष्ठानों की हाइजिन रेटिंग किये जाने पर अप्रसन्नता व्यक्त की तथा आदेश दिया कि प्रत्येक जनपद अपने लक्ष्य को 15 जनवरी तक अवश्य पूरा कर लें। जनपद प्रयागराज को 100 तथा अन्य जनपद को 50 एवं प्रत्येक जनपद में 1 फ्रेश फूड एण्ड वेजीटेबल मार्केट, 01 क्लीन स्ट्रीट फूड हब, चिकित्सालयों में संचालित कैंटीन को चिन्हित किये जाने के लिए कहा है। मण्डलायुक्त ने निर्णीत वादों में अधिरोपित अर्थदण्ड के सापेक्ष बहुत ही कम अर्थदण्ड की वसूली पाये जाने पर विभाग को निर्देश दिये गये कि अर्थदण्ड से दण्डित खाद्य कारोबारीकर्ताओं को नोटिस जारी की जाये। तत्पश्चात अग्रिम कार्यवाही भी की जाये। मण्डलायुक्त ने लाइसेंस एवं रजिस्ट्रेशन की संख्या में वृद्धि करने पर जोर दिया तथा निर्देश दिये कि किसी भी दशा में लाइसेंस/रजिस्टेशन कालातीत न होने पाये। सभी खाद्य सुरक्षा अधिकारी अपने कर्तव्यों का निर्वहन पूरे मनोयोग से करें। शिथिलता पाये जाने पर विभाग के नीचे से शीर्ष अधिकारी तक कार्यवाही की जायेगी। मण्डलायुक्त ने खाद्य प्रतिष्ठानों को सुधार सूचना भेजे जाने की प्रक्रिया को बढ़ाने पर बल दिया, जिससे कि खाद्य कारोबारियों को उन्हें अपनी कमियों को दूर करने का भी अवसर मिले तथा विभाग द्वारा उनकी क्षमता संवर्धन भी किया जा सके। जनपद के अभिहित अधिकारियों को निर्देश दिये गये कि न्यायिक न्यायालयों में लम्बित मामलों के शीघ्र निस्तारण हेतु अपने जिलाधिकारी के माध्यम से जिला मानीटरिंग कमेटी में यह प्रकरण सामने लाये जाये। न्याय निर्णायक अधिकारी(एडीएम) न्यायालय में लम्बित वादों की संख्या अत्यधिक है, जिसका विभाग द्वारा पैरवीकर शीघ्र निस्तारण कराया जाये। मण्डलायुक्त ने न्याय निर्णायक अधिकारी (एडीएम) न्यायालय से सम्बंधित लम्बित वादों एवं वसूली गयी धनराशि तथा जारी आर0सी0 के सम्बंध में सहायक आयुक्त खाद्य को मण्डलीय समीक्षा बैठक में उपस्थित रहने हेतु निर्देशित किया तथा अगली बैठक में विभागीय अधिकारियों को लक्ष्य के सापेक्ष कार्य करने हेतु निर्देशित किया गया। इस अवसर पर खाद्य सुरक्षा अधिकारी, अभिहित अधिकारी सहित अन्य सम्बंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।