सोनभद्र(सर्वेश श्रीवास्तव)- मधुरिमा साहित्य गोष्ठी के अयोजकत्व में वरिष्ठ पत्रकार एवं प्रतिष्ठित कवि अरविंद चतुर्वेद के नव प्रकाशित काव्य संग्रह ‘जीवन एक अधूरा वाक्य है’ का लोकार्पण विख्यात कवि व चिंतक अजय शेखर के अध्यक्षता में समारोह पूर्वक सम्पन्न हुआ।
राबर्ट्सगंज नगरपालिका परिषद का सभागार में मां वाग्देवी के प्रतिमा पर पुष्प अर्पण व दीप प्रज्वलन के पश्चात शायर अशोक तिवारी के संचालन में लोक भाषा के ख्यातिलब्ध गीतकार जगदीश पंथी द्वारा वाणी वंदना पश्चात साहित्य सेवियों, रचनाकारों व कलमकारों के प्रस्तुति से गुलजार रहा और समारोह सफलता के बुलन्दियों पर पहुंचकर लोक मन व लोक जीवन इंद्रधनुषी रंग बिखेर गया।
काव्य संग्रह के लोकार्पण समारोह की अध्यक्षता कर रहे विख्यात कवि व चिंतक पं अजय शेखर ने कहा कि “जीवन एक अधूरा वाक्य है” काव्य संग्रह लोक मन लोक जीवन व लोक चिंतन से उपजी लोक अभिव्यक्ति है जो लोक जगत पर आधारित है इनकी रचनाएं यथार्थ बोध पर टिकी हुई हैं और भोगा हुआ यथार्थ इस कृति में उभरकर सामने आया है यह ऐसा यथार्थ है जिसकी अभिव्यक्ति उद्बोधन में भी है और आवाहन में भी। जीवन को समझने के लिए इनकी रचनाएं अनेक अर्थ देती हैं।
ख्यातिलब्ध कथाकार लेखक रामनाथ शिवेन्द्र ने कहा कि जीवन आंतरिक और वाह्य प्रलय का लय है जो जीवन मे कार्य के प्रति समर्पित रहता है वही जीवन में मूल को ढूढने का प्रयास करता है।
वरिष्ठ साहित्यकार पं० पारसनाथ मिश्र ने कहा कि काव्य कृति जीवन एक अधूरा वाक्य है जीवन यात्रा के गहराइयों से उपजा गहरा चिंतन है जिसे अरविंद चतुर्वेद ने मानव मन मे उकेरने का प्रयास किया है।
शिक्षाविद ओम प्रकाश त्रिपाठी ने कहा कि नव काव्य कृति में सोनांचल के संस्कृति और लोक साहित्य की झलक दिखती है।
वरिष्ठ पत्रकार नरेन्द्र नीरव ने कहा कि जीवन एक यात्रा है और इस यात्रा के दौरान राहों में कांटे और झुरमुट भी हैं जो झुरमुट काटेगा वही अपना रास्ता बनाएगा अरविंद चतुर्वेद के काव्य संग्रह में चिंतन, सृजनात्मकता और मिट्टी की महक मिलती है। सम्वेदना के सरजमीं पर उतरकर साहित्यकारों को लोक जीवन के यथार्थ को उकेरना पड़ेगा तभी जीवन का उद्देश्य साकार होगा।
मीडिया फोरम आफ इंडिया न्यास के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष मिथिलेश प्रसाद द्विवेदी ने कहा कि यह नव काव्य संग्रह लोक जीवन के लिए मील का पत्थर साबित होगी।
पत्रकार व लेखक विजय शंकर चतुर्वेदी ने कहा कि अरविंद चतुर्वेदी ने अपनी इस कृति में सकारत्मकता के साथ जीवन के अनछुए पहलुओं को उकेरने का प्रयास किया है।
संत कीनाराम के प्राचार्य डा गोपाल सिंह ने कहा कि जब जनपद की बात होगी तो पं० अजय शेखर प्रारम्भ और अनंत के मूल विन्दु पर स्थिर दिखाई देंगे जनपद का सवेरा भी इनका है और शाम भी इनकी है।
अरविंद चतुर्वेद का नव काव्य संग्रह भी सोनांचल के साहित्यिक, सांस्कृतिक, सामाजिक व लोक जीवन के इर्द-गिर्द दिखती है।
जिला कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष रमेश देव पाण्डेय एडवोकेट ने कहा कि यह काव्य संग्रह मानव के अंतर्मन व चिंतन से उपजा लोक जीवन का दस्तावेज है।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से सोन साहित्य संगम के संयोजक राकेश शरण मिश्र, शहीद प्रबन्धन ट्रस्ट करारी के निदेशक प्रदुम्न त्रिपाठी,कवि एवं साहित्यकार प्रभात सिंह चन्देल खुर्शीद आलम सरोज सिंह, सुरेश तिवारी, दीपक केसरवानी, डा० कुसुमाकर, प्रमोद कुमार श्रीवास्तव एडवोकेट, अमरनाथ अजेय, हरिशंकर तिवारी, धर्मेश चौहान, दिवाकर द्विवेदी मेघ, दिलीप सिंह दीपक, कौशल्या कुमारी, इमरान बख्सी, रामविलास समेत प्रबुद्धजन मौजूद रहे।