जमीन पर अधिकार की मुख्यमंत्री की घोषणा हो पूरी – आइपीएफ

आइपीएफ का धरना अठाइसवें दिन भी जारी

म्योरपुर/पंकज सिंह

लखीमपुर किसान नरसंहार के जिम्मेदार गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी को बर्खास्त करने और गिरफ्तार करने, वनाधिकार कानून के तहत पुश्तैनी जमीन पर अधिकार देने, मनरेगा में काम और समय पर मजदूरी, आदिवासी छात्राओं के लिए निःशुल्क आवासीय उच्च शिक्षा, शुद्ध पेयजल, आवागमन के साधन, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसे सवालों पर आइपीएफ का धरना अठाइसवें दिन भी रासपहरी में जारी रहा। वहीं बभनी गांव के डगडउआ टोला में सभा हुई।
धरने में वक्ताओं ने कहा कि आदिवासियों के उभ्भा नरसंहार के समय मुख्यमंत्री ने जनपद में आकर घोषणा की थी कि मठों, ट्रस्टों और सोसाइटी में अवैध रूप से कब्जा की ही हुई जमीनों की जांच कराकर उसे दलितों, आदिवासियों और गरीबों में वितरित किया जायेगा। इसके लिए बकायदा प्रमुख सचिव के नेतृत्व में कमेटी भी बनी थी लेकिन आजतक उसकी रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई। सरकार की विदाई का समय आ गया जमीन का वितरण करने की कौन कहे किसी भी अवैध कब्जाधारी मट, ट्रस्ट और सोसाइटी पर कार्यवाही तक नहीं हुई। उलटे अपनी पुश्तैनी जमीन पर बसे और इस पर अधिकार के लिए वनाधिकार कानून के तहत दावा किए आदिवासियों और वनवासियों की ही बेदखली की कार्यवाही की गई, उनका उत्पीड़न किया गया। वक्ताओं ने कहा कि सरकार को चुनाव से पहले अपना वायदा पूरा करना चाहिए और आदिवासियों, दलितों व गरीबों में जमीन का वितरण कराना चाहिए। धरने व आम सभाओं में आइपीएफ जिला संयोजक कृपा शंकर पनिका, मजदूर किसान मंच जिलाध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद गोंड़, देव कुमार विश्वकर्मा, दलबीर सिंह खरवार, मनोहर गोंड़, मंगरू प्रसाद गोंड़, मान सिंह गोंड़, बलदेव गोंड़, जवाहिर गोंड़, संजय कुमार गोंड़, बुद्धदेव सिंह गोंड़, गुलशन गोंड़, ध्यानचंद गोंड़, इनकुवंर गोंड़, रेखा देवी आदि लोग मौजूद रहे।

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