दुद्धी/समर जायसवाल

विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर महारानी दुर्गावती स्मारक स्थल मलदेवा में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी विश्व आदिवासी दिवस मनाया गया।सबसे पहले बड़ा देव का सुमिरन कर कार्यक्रम की शुरुआत किया गया। कार्यक्रम में सबसे पहले अपने महारानी दुर्गावती की चित्र पर पुष्प अर्पित किया गया।वक्ताओं ने कहा कि आज विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर हम समस्त देश प्रदेश के आदिवासी गांव से लेकर शहर तक आज के दिन को बहुत ही सदभाव के साथ अपने लोक कला करमा,डोमकच, कर्मा मांनर के साथ अपनी संस्कृति को लेकर हम बहुत ही संस्कृति को लेकर हम बहुत ही प्रभावी ढंग से मनाते हैं।हम अपने इस आदिवासी दिवस के मौके पर अपने आदिवासी समुदाय से अपील भी करना चाहते हैं कि आप अपने बच्चों को शिक्षा की ओर अग्रसर करें और नशा मुक्ति से दूर रखें।हम इस आदिवासी पर हम अपने बच्चों को शिक्षित करेंगे और साथ ही साथ अपने समाज को नशा मुक्ति से दूर रखेंगे। आज विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर हम सभी आदिवासी मिलकर इस कार्यक्रम को बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं और यह कार्यक्रम पूरे भारतवर्ष में बल्कि पूरे विश्व में प्रभावी ढंग से कार्यक्रम किया जाता है।हमे अपने धर्म संस्कृति को कायम रखते हुए की आज का दिन नहीं भूलना चाहिए क्योंकि यह विश्व आदिवासी दिवस है ।हम अपने पूर्वजों के बताए रास्ते पर चलकर समाज की मुख्यधारा की ओर अग्रसर रहते हैं साथ ही साथ हम आदिवासियों को इस विश्व दिवस के अवसर पर जल जंगल जमीन पर अपना मालिकाना हक की मांग करते हैं।हमारा जो अधिकार है वह हमें मिलना चाहिए ।
इस मौके पर क्षेत्र पंचायत सदस्य रामफल, अखिल भारतीय आदिवासी महासंघ के जिला अध्यक्ष फौदार सिंह परस्ते और वरिष्ठ समाजसेवी ललित सिंह गौड़,सदानंद, सुखदेव, राजकुमार, पूजा, धर्म आचार्य अनिल सिंह, जीत सिंह, हीरामणि सिंह,राम चरण सिंह, पार्वती,मोहन सिंह, सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
कार्यक्रम का संचालन फौदार सिंह परस्ते ने किया।
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