बभनी/सोनभद्र (अरुण पांडेय)
बच्चों के आनलाईन क्लास के नाम पर ली जाती है फीस।
बभनी। ग्रामीण क्षेत्रों के अविभावक अपने बच्चों को उच्च शिक्षा दिलाने के लिए अपने बच्चों को कान्वेंट विद्यालयों में भेंजा करते हैं जो मध्यम वर्गीय परिवार के लिए एक चुनौती साबित होता है नौकरी कर रहे लोग भी केवल बच्चों की फीस भरने में ही परेशान रहते हैं बभनी विकास खंड के सवंरा गांव में प्रर्दशन कर रहे क्षात्रों ने बताया कि हम सभी पैंतीस
किलोमीटर दूर से पढ़ने के लिए जाते हैं कोरोनाकाल होने की वजह से हम सभी की पढ़ाई प्रभावित होने के कारण आनलाइन क्लास कराया जा रहा है जो केवल मुख्य विषयों के लिए ही होता है। हम सभी के अविभावक दस से बीस हजार रुपए पर महीने पाते हुए भी हम लोगों की अच्छी शिक्षा व्यवस्था के लिए कान्वेंट विद्यालयों में भेंजते हैं जो फीस के अतिरिक्त वाहन शुल्क भी देना पड़ता है और केवल आनलाईन क्लास चलाने के नाम पर चौबिस सौ रुपए पर महीने लिया जाता है और अध्यापकों का वेतन भी आधा ही दिया जाता है आनलाईन क्लास होने के बावजूद क्रिड़ाशुल्क प्रयोगशाला शुल्क संगीत शुल्क समेत अन्य प्रकार के शुल्क लिए जाते हैं जो अनिवार्य नहीं है और हम सभी के अविभावकों पर अचानक फोन आने लगते हैं और हम सभी के ऊपर दबाव बनाए जाते हैं और हमें कक्षा से निकालने की भी बातें सुनाई जाती हैं। प्रर्दशन कर रहे क्षात्रों ने विद्यालयों के प्रबंधन समिति से शुल्क माफी की मांग की है। जब इस संबंध में अपना दल यश के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य प्रिती सिंह से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि इस मामले को लेकर सभी प्रबंधन समिति शुल्क में कुछ छूट दे दी जानी चाहिए जिससे सभी मध्यम वर्ग के अविभावकों को फीस देने में आसानी होगी। प्रर्दशन के दौरान हर्षित चंदन प्रियांशु रविकांत प्रियांशु सतीश जितेंद्र ओम पांडेय युवराज केशरी अमित सिंह समेत अन्य मौजूद रहे।