बीजपुर , सोनभद्र , नधिरा सबस्टेशन से दर्जनों गाँवों को आपूर्ति की जाने वाली बिजली जर्जर उपकरण के कारण पूरी तरह बदहाल हो चुकी है। लगभग 20 साल पहले लगाए गए बिजली के उपकरण सड़ कर जर्जर हो चुके है जिसके कारण आएदिन फाल्ट की समस्या से निजात मिलना मुश्किल हो गया है। इतना ही नहीं फाल्ट हुए केबिल में साइकिल के टियूब लपेट कर तो हादसे में जगह जगह टूटे दर्जनों पोल के बगैर ही ग्रामीण इलाके में राम भरोसे बिजली आपूर्ति जानलेवा साबित हो रही है। लाइनमैन बताते हैं कि जब पोल , तार आएगा तभी बदला जाएगा फिरहाल ऐसे ही जुगाड़ से बिजली चलती रहेगी। गौरतलब हो कि बारिश के महीने में महज़ 10 से 15 दिन ही बिजली आपूर्ति ग्रामीण इलाके में हो पाती है बाकी समय फाल्ट ढूढने में चला जाता है। सरकार के दावे चाहे जो हों लेकिन बिधुती करण के बाद दर्जनों मज़रे ऐसे हैं जहाँ बिजली के भरोसे लोग नही रहते बिजली कब आएगी कब जाएगी इससे ग्रामीणों का कोई सरोकार नही है। कहने को तो यूपीसीएल के अधिकारी सत प्रतिशत बिजली आपूर्ति की बात करते हैं लेकिन जर्जर उपकरण को बदलने में उनकी रुचि नही है। बखरीहवा फीडर से जुड़े गाँव नेमना, जरहा, महुली, रजमिलान, पिंडारी, झीलों, महरिकला, खम्हरिया, इंजानी, सिंदूर, के ग्रामीण उपभोक्ताओं का कहना है कि सरकार के सिड्यूल के मुताबिक यहाँ बिजली नही दी जाती है जिसके कारण लोगों में आक्रोश ब्याप्त है। इधर शनिवार से लगातार गायब बिजली सोमवार की देर रात कुछ गाँवों में आई जरूर लेकिन 11 हजार की लाइन में फाल्ट होने के कारण नेमना गाँव सहित आधा दर्जन गाँवों के मज़रे की बिजली मंगलवार को चौथे दिन भी गुल रही। इसबाबत अधिशासी अभियंता यूपीपीसीएल पिपरी सुभेन्दु शाहू से जब बात की गई तो उन्हों ने कहा कि एक हजार से अधिक के जो गाँव हैं उसका सर्वे कराया जा रहा है साथ ही एबीसी कंडक्टर लगाने के अलावा जर्जर उपकरण को भी जल्द बदलने की प्रक्रिया में है।