हिंदी साहित्य की सोनांचल में बढ़ते कदम

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अजय शेखर, डॉक्टर अर्जुनदास केसरी, पंडित रमाशंकर पांडेय विकल, जगदीश पंथी, ईश्वर विरागी, डॉक्टर रचना तिवारी और डॉ जितेंद्र सिंह संजय ‘सप्त ऋषि’के रूप में विंध्य क्षेत्र का का बढ़ा रहे हैं मान !
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विशेष संवाददाता की कलम से

सोनभद्र(सर्वेश श्रीवास्तव)- सोनांचल में साहित्य के क्षेत्र के विख्यात साहित्यकारों में यूं तो अब कई नाम सुर्खियां बटोर रही हैं, परंतु प्रख्यात साहित्यकार मधुरिमा साहित्य गोष्टी के निदेशक अजय शेखर ,लोक साहित्य के उदभट विद्वान डॉक्टर अर्जुन दास केशरी जी, कई भाषाओं के ज्ञाता कवि पंडित रमाशंकर पांडेय विकल ,सोनभद्र के गीतकार जगदीशपंथी जी, ईश्वर विरागी जी और एकमात्र राष्ट्रीय कवि सम्मेलनों की शोभा बढ़ाने वाली सोनांचल की गीतकार डॉक्टर रचना तिवारी एवं साहित्य में कई पुरस्कारों सेसम्मानित डॉ जितेंद्र कुमार सिंह संजय ने साहित्य के क्षेत्र में ‘सप्त ऋषि’ के रूप में जनपद का जो गौरव बढ़ाया है वह अपने आप में अद्वितीय है। यह कहने में जरा भी संकोच नहीं है कि इन सात साहित्य मनीषियों के अतिरिक्त असुविधा के सम्पादक, कथाकार रामनाथ शिवेंद्र , दर्जनभर पुस्तकों के रचनाकार पंडित पारसनाथ मिश्र, कवि सम्मेलनो के सफल संचालक कमलेश राजहंस, लोक भाषा के कवि डॉक्टर लखन राम जंगली हम सब के लिए उसी श्रेणी के साहित्यकार है जो आज एक ऐसी साहित्य की नर्सरी तैयार कर चुके है जिसके रोपे गए साहित्य के पौधे अब वृक्ष बन कर खड़े हो गए है ।
इस क्रम में कुल 4 दर्जन से भी अधिक युवा साहित्यकार तकरीबन हर माह अपनी
साहित्यिक गतिविधियों से साहित्य के क्षेत्र में अपने
आलोक से सोनांचल को आलोकित करने में लगे हैं ।
कवि दिनेश दिनकर, सुशील कुमार राही, अब्दुल हई, नजर मोहम्मद नजर, अमरनाथ अजेय, अशोक तिवारी, शिवनारायण शिव, प्रदुम्न कुमार त्रिपाठी, विजय विनीत, राकेश शरण मिश्र गुरु, जयराम सोनी,विकास वर्मा, अरुण तिवारी, सरोज कुमार सिंह, प्रभात सिंह चंदेल, राधेश्याम पाल, दिलीप सिंह दीपक, सुनील चऊचक, अनीता सोनपरी, सुधाकर पांडेय, राजेश द्विवेदी राज, अरुण पांडेय, राहुल सिंह कुशवाहा प्रवाह, डॉक्टर बृजेश महादेव, अवध बिहारी, इकबाल अहमद, धर्मेश चौहान, अलका केसरी, तृप्ति केसरवानी आदि साहित्यकार अपनी रचनाओं के माध्यम से पूर्वांचल में अपनी पहचान बना चुके हैं।

राष्ट्रपति एवं राज्यपाल से पुरस्कृत तथा कई पुस्तकों के रचनाकार ओम प्रकाश त्रिपाठी, विंध्य संस्कृति शोध समिति के निदेशक दीपक कुमार केसरवानी स्थापित साहित्यकार है ।साहित्य को ऊंचाइयों पर ले जाने वाले पत्रकार
————————————- सोनांचल के कुछ ऐसे पत्रकार भी हैं जिन्होंने अपनी पत्रकारिता के माध्यम से हिंदी साहित्य को देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी ऊंचाइयां प्रदान करते हुए जनपद को

गौरवान्वित कराने का कार्य किया है। ऐसे पत्रकार हिंदी सेवियो में कैमूर टाइम्स के संपादक विजय शंकर चतुर्वेदी, मीडिया फोरम ऑफ इंडिया न्यास के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष एवं विश्व हिंदी साहित्य सेवा संस्थान के विशेष सलाहकार और सोन साहित्य संगम के निदेशक मिथिलेश प्रसाद द्विवेदी, न्यूज़ साइड के संपादक एसपी पांडेय, शिक्षाविद एवं वरिष्ठ पत्रकारभोलानाथ मिश्र, इलेक्ट्रॉनिक चैनल के पत्रकार डॉ परमेश्वर दयाल पुष्कर तथा स्वतंत्र पत्रकार नरेंद्र नीरव का नाम प्रमुख है। इनके अतिरिक्त राजेंद्र द्विवेदी, बृजेश पाठक, कौशलेंद्र पांडेय, विमल जालान, सुनील तिवारी, जुल्फिकार हैदर, वीरेंद्र मिश्रा, विनोद गुप्ता, नईम गाजीपुरी, राम प्रसाद यादव, अजय श्रीवास्तव आदि कई ऐसे पत्रकार भी समय-समय पर साहित्य को अग्रसारित करने में अपनी लेखनी का भरपूर प्रयोग करते नहीं थक रहे हैं।इनसेट में लगाएंनगर स्थित साहित्यिक संस्था ‘सोन साहित्य संगम’ एवं शहीद स्थल प्रबंधन ट्रस्ट करारी के बैनर तले नवोदित रचनाकारों को मंच प्रदान कर उन्हें स्थापित कराने की मुहिम चलाने वाले अधिवक्ता व साहित्यकार कवि औरसंवेदनशील व्यक्तित्व के धनी राकेश शरण मिश्र एवं प्रदुम्न कुमार त्रिपाठी साहित्य के क्षेत्र में किसी परिचय के मोहताज़ नही है। इन दोनों कवियों ने जनपद एवं आसपास के अन्य जिलों के नवोदित रचनाकारों को रचनाएं लिखने और उन्हें गोष्ठियों के माध्यम से उसे प्रस्तुत करने का अवसर प्रदान कर साहित्य की विधा को आगे बढ़ाते हुए साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान कर रहे हैं।

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