सोनभद्र। पूर्वांचल राज्य निर्माण एवं आगामी 2022 में होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की चुनौतियों का मुकाबला करने के उद्देश्य से बुधवार को पूर्वांचल के मूल विचारधारा वाले नेताओं का एक जन जागरण शिविर सदर ब्लॉक के मुसहीं स्थित फोरएस पाठशाला सभागार में वरिष्ठ कांग्रेसी नेता राजेश द्विवेदी की अध्यक्षता में हुई। इस दौरान वाराणसी, गाजीपुर, बलिया, चंदौली और सोनभद्र के वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने शिविर में प्रतिभाग कर उपरोक्त बिंदुओं पर विस्तार से अपने विचार रखें।
शिविर में एक स्वर से वक्ताओं ने उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी पर गैर कांग्रेसी विचारधारा के लोगों के प्रभावी होने पर असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि कांग्रेस एक विचारधारा और आंदोलन है किंतु प्रदेश में कांग्रेस के आंदोलनकारी नेताओं की उपेक्षा कर कांग्रेस को
कमजोर किया जा रहा है। उपेक्षित कांग्रेस नेताओं ने एक स्वर से कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष से अविलंब पहल कर कमजोर होती प्रदेश कांग्रेस की ओर ध्यान देकर समर्पित एवं संगठन के प्रति त्याग की प्रतिमूर्ति साबित हुए कांग्रेस के उपेक्षित कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर पार्टी को मजबूत करने की बात कही है। साथ ही शिविर में प्रतिभाग करने आए कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने यह भी कहा है कि यह जैसा नहीं किया गया तो मिशन 2022 की चुनौती का सामना करने में और पूर्वांचल राज्य निर्माण के संदर्भ में सकारात्मक भूमिका निभा पाने में कांग्रेस कल नहीं हो सकती! इस मौके पर मुख्य रूप से वाराणसी के डॉ मनीष उपाध्याय, डॉ अनुपम पांडेय, डॉ एस,पी सिंह, जिला कांग्रेस कमेटी के महामंत्री उमाशंकर शुक्ला, गाजीपुर के पंकज दुबे, चंदौली के रजनीकांत पांडेय, राजेश पांडेय, तनवीर भाई, बलिया के अनिल सिंह और सोनभद्र से कांग्रेस नेता पूजा द्विवेदी, शत्रुंजय मिश्रा, रामानंद पांडेय, जीतेंद्र देव पांडेय, ओम प्रकाश तिवारी, निगम मिश्रा, अनवर हुसैन, शत्रुघ्न शर्मा, सोनभद्र बार एसोसिएशन के महामंत्री सत्यदेव पांडेय, अधिवक्ता संतोष मिश्रा, श्रवण कुमार पांडेय समेत दर्जनों लोग मौजूद रहे।
वक्ताओं ने एक स्वर से उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी पर गैर कांग्रेसी विचारधारा के लोगों के प्रभावी होने पर असंतोष व आक्रोश ब्यक्त किया तथा स्पष्ट रूप से कहा कि कांग्रेस एक विचारधारा और आंदोलन है, लेकिन आज उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की विचारधारा और कांग्रेस के आंदोलनकारी नेताओं को कमजोर किया जा रहा है, जिसके बारे में राष्ट्रीय अध्यक्ष को बताना और तत्काल उचित पहल की अपेक्षा किया जाना नितांत अनिवार्य है, अन्यथा मिशन 2022 की चुनौती का सामना करने में एवं पूर्वांचल राज्य निर्माण के संदर्भ में सकारात्मक भूमिका निभाने में कांग्रेस सफल सिद्ध नहीं हो सकती!