सोनभद्र। अलग राज्य पूर्वांचल की मांग कर रहे पूर्वांचल राज्य जनमोर्चा द्वारा तहसील प्रांगण में अधिवक्ता भवन के सामने दिन के 12 बजे अलग पूर्वांचल राज्य की मांग को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया !. इस अवसर पर संगठन प्रमुख पवन कुमार सिंह एडवोकेट ने कहा पूर्वांचल राज्य के गठन से क्षेत्र के विकास में तेजी आएगी। इससे निचले स्तर के लोगों को ज्यादा लाभ होगा। बड़ा प्रदेश होने के कारण कई जिलों में विकास कार्य सही तरीके से नहीं हो पा रहे हैं। विकास के मामले में पूर्वांचल काफी पिछड़ गया है। आगे कहा कि कहा कि मायावती सरकार ने पूर्वांचल राज्य के गठन का प्रस्ताव विधानसभा में पास कर केंद्र सरकार के पास भेज दिया, पर आज तक उस पर अमल नहीं किया गया। इसके चलते पूर्वांचल के 9 करोड़ लोगों का विकास नहीं हो पा रहा है। पूर्वांचल के 28 जिले अति पिछड़े हुए है। यहां के युवाओं को रोजगार के लिए दिल्ली-मुम्बई और गुजरात की शरण लेनी पड़ रही हैं इसके बाद भी पूर्वांचल उपेक्षा का शिकार है। पूर्वांचल को पृथक राज्य का दर्जा मिला चाहिए। प्रदेश अध्यक्ष विमलेश त्रिपाठी न ने कहा कि देश को सर्वाधिक प्रधानमंत्री देने वाला पूर्वी उत्तर प्रदेश देश का सबसे पिछड़ा इलाका है। ऐसा तब है जब कुदरत ने इस इलाके को वो सब कुछ दिया है जिसके बिना पर यह खुद अपने संसाधनों पर विकास कर सकता है। विकास की दृष्टि में देश में पहले नंबर पर आ सकता हैं जिला अध्यक्ष शिव प्रकाश चौबे उर्फ राजू चौबे ने कहा कि 1962 में उठा पहली बार पूर्वांचल के पिछड़ेपन का मुद्दा उठा था तब तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने
तत्काल वी. पी. पटेल की अध्यक्षता में पूर्वांचल की गरीबी का कारण और तत्काल निवारण विषयक आयोग गठित किया गया, जिसे पटेल आयोग के रूप में जाना गया। उसी पटेल आयोग को लागू किया जाना चाहिए ! इस अवसर पर काकू सिंह प्रदेश प्रवक्ता, अशोक कुमार कनौजिया एडवोकेट, संतोष चतुर्वेदी, दीप नारायण पटेल , अतुल कुमार कनौजिया ,रमाशंकर यादव ,बी पी सिंह एडवोकेट, सत्यम शुक्ला एडवोकेट, नेतराज पटेल आदि लोग प्रदर्शन में शामिल थे ! प्रेषक – काकू सिंह प्रदेश प्रवक्ता पूर्वांचल राज्य जनमोर्चा

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