सीएम से मिलकर साधना के भविष्य के चर्चों पर उठ रहे प्रश्नचिंह।

बभनी/सोनभद्र (अरुण पांडेय)

धनुर्विद्या में पारंगत साधना ने आगे जाने का बहोत किया प्रयास

बभनी। रविवार को सेवाकुंज आश्रम में राष्ट्रपति व राज्यपाल के साथ पहुंचे योगी आदित्यनाथ ने जब वहीं की एक छात्रा से उसके बारे में पूछा तो उस लड़की के मुंह से निकला जवाब सीएम हैरान हो गया।अपने भाषण के दौरान लोगों को बताया कि साधना नामक आदिवासी लड़की अपने घर की आर्थिक स्थिति सही न होने के कारण अपने आगे की पढ़ाई नहीं कर सकी साधना ने बताया कि उसकी मां आशा कार्यत्री है वह नर्सिंग की पढ़ाई करना चाहती थी कुछ समय से उसके पिता की तवियत खराब होने के कारण घर का खर्च भी उसकी मां को ही करना पड़ता था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के बाद लोगों में इस बात के भी चर्चे चलने लगे हैं कि क्या साधना की आगे की पढ़ाई पूरी हो जाएगी।

क्षेत्र में कितनी आदिवासी लड़कियों के टूटे सपने।

बभनी। बभनी आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है जो तीन राज्यों से घिरा है समुदाय के लोगों का यह भी कहना है कि क्षेत्र की कितनी लड़कियां आगे बढ़ने के सपने देखती हैं और अपने जीवन में कुछ नया कर गुजारने को सोंचती हैं लेकिन उनके परिवार की आर्थिक स्थिति सही न होने के कारण उनके सपने बिखर जाते हैं सविता बासमती कलावती राजकुमारी ने बताया कि हम लोगों को विद्यालय में तीरंदाजी सिखाई जाती थी हम लोगों ने बहुत प्रयास किया कुछ जगहों पर अपनी प्रतिभाओं का प्रतिभाग किया परंतु हम लोगों ने अपना प्रयास करना नहीं छोड़ा हमें इस बात की उम्मीद थी कि यदि शिक्षा के क्षेत्र में नहीं निकल सके तो खेल प्रतियोगिता के माध्यम से ही अपने देश का नाम रौशन करेंगे और बभनी आदिवासी क्षेत्र को आगे बढ़ाने में गति प्रदान करेंगे जिसके लिए सेवा समर्पण संस्थान का सहयोग भी रहा और हमारे प्रधानाचार्य फेकूराम शर्मा जो निरंतर हम लोगों से प्रयास कराया

करते थे हमारे खाने-पीने का पूरा ख्याल रखते थे जब हम लोगों ने आगे प्रयास करना चाहा तो मौका नहीं मिल सका और हमारे प्रधानाचार्य भी सेवानिवृत्त हो गए जिससे हमारे जीवन में निराशा ही देखने को मिली और उन छात्राओं ने यह भी बताया कि जब हमारे प्रधानाचार्य मई-जून के महीने में हम-लोगों के सहयोग में निरंतर लगे रहे तब विभागीय अधिकारियों की नजर लग गई और वे उन्हें झूठे आरोपों में फंसाकर निलंबित कर दिया निलंबित होने के बावजूद वे हम लोगों के सपने सजाने में लगे रहे तभी सेवानिवृत्त हो गए।हम छात्राओं के बीच दृष्टि और सीमा नाम की दो लड़कियां तिरंदाजी में नेशनल प्रतिभाग में अव्वल रहीं जिनके रहने पढ़ने की व्यवस्था सेवाकुंज आश्रम के सह संगठन मंत्री आनंदजी के द्वारा सोनभद्र के तीयरा स्टेडियम में दिलाया गया और हम सभी को निराशा देखना पड़ा।

आदिवासी महिलाओं के सहयोग में एनआरएलएम की भूमिका।

बभनी।आर्थिक तंगी के कारण आगे की शिक्षा पूरी न कर पाने के कारण क्षेत्र की आदिवासी महिलाएं व युवतियों को घूंटन भरी जिंदगी जीनी पड़ती थी परंतु राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत महिलाएं कुछ छोटे-छोटे सहयोग से आत्मनिर्भर बनने का प्रयास कर रही हैं राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की एडीओ आईएसबी चारुलता ने बताया कि आज से दो वर्ष पहले क्षेत्र की आर्थिक स्थिति काफी दयनीय थी जो इन दो वर्षों के बीच महिलाओं का प्रयास इतना अच्छा रहा कि आज 60 फीसदी महिलाएं अपने छोटे-छोटे रोजगार को अपनाकर खुद आत्मनिर्भर बन रही हैं जिसमें उनका काफी सहयोग रहा है।

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