धर्म डेक्स। जानिये पंडित वीर विक्रम नारायण पांडेय जी से (ज्योतिष् ज्ञान) बुध अष्टकवर्ग
(१) बुध अपने अष्टकवर्ग मे ८ शुभ बिंदु पाये तो जातक बुध की दशा मे राज सम्मान पद व प्रतिष्ठा दिलाता है जातक उच्चस्थ लोगो का कृपापात्र होने से धन व यश पाता है।
(२) ७ बिंदु पाने वाला बुध जातक को धन-मान व सुख प्रदान करता है।
(३) ६ बिंदु युक्त बुध सभी कार्य में सफलता का सम्मान दिलाता है।
(४) पांच बिंदु पाने वाला बुध जातक को लोकप्रिय यशस्वी व सभी का स्नेही बनाता है।
(५) चार बिंदु युक्त बुध कभी अवनति असफलता व अपयश तो कभी उन्नति सफलता व सुयश भी देता है।
(६) तीन बिंदु वाला बुध धन संपदा की हानि का भय चिंता दिया करता है जातक कभी धन भाव के कारण कष्ट पाता है।
(७) दो बिंदु पाने वाला बुध अपनी दशा भुक्ति अनिष्ट गोचर में उद्विग्नता क्षोभ ,मति भ्रम तो कभी गलतफहमी के कारण परिवार में कलह क्लेश दिया करता है।
(८) एक बिंदु वाला बुध सभी प्रकार की हानि व क्षति देता है जातक धन_मान व यश की हानि पता है।
(९) ०बिंदु पाने वाला बुध अपनी दशा भुक्ति मे जातक को मृत्यु भय व शत्रु भय दिया करता है।
विशेष मुख्यतः बुध के अष्टकवर्ग से उन्नति ,उपलब्धि ,विद्या ,लेख ,उपन्यास व कथा साहित्य ,बुद्धिमत्ता का विचार बुध के अष्टकवर्ग से किया जाता है।
बुध और प्रतिभा
(१) वेदों का ज्ञाता ;- पांच बिंदु युक्त बुध केंद्र त्रिकोण में यदि गुरु अथवा शनि की दृष्टि यूति पाए तो जातक वेदों का अर्थ जाने वाला बहुत विद्वान व्यक्ति होता है।
(२) तर्क निपूर्ण ;- ५ बिंदु पाने वाला बुध यदि गुरु और मंगल की दृष्टि युति पाए तो जातक तर्क निपूर्ण तर्कशास्त्री होता है।
(३) साहित्यकार ;- मंगल की राशि और शुक्र के नवांश में बैठा बुध मात्र चार बिंदु पाकर भी अगर गुरु की दृष्टि पाए तो जातक साहित्यकार होता है।
(४) ज्योतिषी ;- बुध के अष्टक वर्ग में यदि केतु युक्त राशि को 3 या अधिक बिंदु मिले तथा केतु पंचम भाव में पंचमेश से संबंध करें तो जातक काफी अच्छा ज्योतिषी होता है।
(५) नृत्य नाट्य संगीत ;- चार बिंदु पाने वाला बुध यदि पाप ग्रह की युति पाकर अपनी नीच राशि अर्थात मीन के नवांश में हो तो जातक के नृत्य नाटक व संगीत में विशेष दक्षता पाता है।
(६) भविष्यवक्ता;- पांच बिंदु युक्त बुध यदि शनि तथा गुरु से चतुर्थ या ६,८भाव में बैठ कर दूसरे भाव को देखे तो जातक स्टिक भविष्य करने वाला भविष्यवक्ता होता है| गुरु और शनि की युति पंचम भाव में हो तो तथा बुध अष्टम भाव में हो तब भी यह योग बनेगा।
(७) उच्च शिक्षित ;-बुध नियंत्रक ग्रह केंद्र या त्रिकोण भाव में बैठे व बुधके अष्टक वर्ग में यदि 4 से अधिक बिंदु पाए तो जातक उच्च शिक्षा प्राप्त कर विद्वान व धनी-मानी व्यक्ति बनता है।
(८) शिक्षा में बाधा;- तीन या कम बिंदु प्राप्त बुध यदि 6 8 12 में शुक्र से युति करें तो जातक शिक्षा में बाधा पता है ऐसा जातक अल्पशिक्षित या अशिक्षित होता है।
(९)गूंगा या सभामूक ;- बुध से २सरा भाव यदि 0 बिंदु पाए तो जातक मूक या अपने भाव की अभिव्यक्ति में अकुशल होता है।
(१) बुध के अष्टक वर्ग मे यदि सूर्य द्वारा बुध या बुध से दूसरेभाव को शुभ बिंदु मिलें तो जातक देश भक्ति की बातो करता है।
(२) शुभ चंद्रमा से बुध को मिला शुभ बिंदु वाणी को साफ व आकर्षक बनाता है किंतु पाप पीडित चंद्रमा से बिंदु वाणी को खराब व गंदी बनाता है।
(३) बुध से प्राप्त शुभ बिंदु वाणी को सुंदर व रूचिकर बनाते है।
(४) मंगल से प्राप्त शुभ बिंदु वाणी को भडकाऊ या क्रूर बाते कहने वाला बनाते है।
(५) बुध को यदि गुरू से शुभ बिंदु मिले तो जातक के विचार साफ ,धर्मपरक व विद्वता पूर्ण होते है|।
(६) बुध को शुक्र द्वारा प्राप्त शुभ बिंदु जातक की वाणी को सार गर्भित रोचक व शिष्ट बनातो है|।
(७) बुध को शनि से प्राप्त शुभ बिंदु जातक को कपटपूर्ण व झूठी बात कहने वाला बनाते है।